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“यशस्वी जायसवाल: डेब्यू टेस्ट में रिकॉर्ड बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी”

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मुंबई के यशस्वी जायसवाल ने अपने टेस्ट डेब्यू में विराट कोहली के घर में एक शानदार शतक जड़कर एक बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। वे अब तक के डेब्यू टेस्ट में सबसे अधिक गेंदें खेलने वाले बैटर बन गए हैं। इन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 350 गेंदों का सामना किया और 143 रन बनाए। पहले विकेट के साथ बनाए गए 229 रन के जोड़ी में उनका बड़ा योगदान रहा।

डोमिनिका में खेले जा रहे पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने पहली पारी में 312 रन के लॉस्स पर दो विकेट पर 2 विकेट गिरा दिए थे। यशस्वी जायसवाल और कप्तान रोहित शर्मा की मिलीभगत ने टीम को बड़ी बढ़त दिलाई। यशस्वी का डेब्यू टेस्ट में शतक जड़कर वे 17वें खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने टेस्ट डेब्यू में शतकीय पारी खेली है। पहली बार यह किसी भारतीय खिलाड़ी ने 1933 में लाला अमरनाथ के द्वारा किया था।

यशस्वी जायसवाल ने अपने पिछले मैचों में भी शानदार प्रदर्शन किए हैं। उन्होंने दोनों दलीप ट्रॉफी मैचों में एक-एक शतक जड़कर दिखाया था। फिर 2022 में इंडिया-ए के साथ भी उन्होंने एक और शतकीय पारी खेली थी। इसके अलावा उन्होंने ईरानी ट्रॉफी के पहले मैच में भी शतक और दोहरा शतक जड़ा था। अब टेस्ट डेब्यू में भी उन्होंने एक और शतक जड़कर दिखाया है कि उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में बड़े पटक से नहीं घबराने की क्षमता है।

यशस्वी और कप्तान रोहित ने पहले विकेट के लिए 229 रन की साझेदारी की, जिससे वे एशिया के बाहर पहले विकेट के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बैटर बन गए। इस सफलता का पूरा श्रेय यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा को जाता है, जो घर के मैदान में मिलीभगत से बड़े पटक से खेल रहे हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड चेतन चौहान और सुनील गावस्कर के नाम था, जो इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में 213 रन की साझेदारी बनाए थे।

यशस्वी को टेस्ट डेब्यू में और भी रिकॉर्ड बनाने का मौका है। यदि वे तीसरे दिन को 8 रन और बना लेते हैं, तो उन्हें अकेले वेस्टइंडीज के स्कोर से आगे निकलने का मौका मिलेगा। वहीं, यदि उन्हें दोहरा शतक जड़ने में सफलता मिलती है, तो वे भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगे जो टेस्ट डेब्यू में ऐसा करते हैं। अभी तक, डेब्यू टेस्ट में सबसे अधिक स्कोर बनाने का रिकॉर्ड शिखर धवन के नाम है, जिन्होंने 2013 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187 रन बनाए थे। रोहित शर्मा भी 2018 में ईडन गॉर्डंस पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 177 रन की पारी खेल चुके हैं। यशस्वी जायसवाल अगर इन रिकॉर्डों को भी तोड़ते दिखाते हैं, तो उन्हें क्रिकेट दुनिया में और अधिक मान्यता मिलेगी।

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यशस्वी जायसवाल का डेब्यू टेस्ट में शतकीय पारी खेलने वाले बैटर के रिकॉर्ड के साथ-साथ वह पहली बार भारत की ओपनिंग जोड़ी में शामिल भी हुए हैं, जो विराट कोहली के घर में कामयाब रही। इससे पहले कोहली के घर में पहली विकेट के लिए ऐसी बड़ी साझेदारी करने वाली कोई खिलाड़ी नहीं थी। रोहित और यशस्वी ने दोनों मिलकर भारत को वेस्टइंडीज के स्कोर से आगे ले जाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनका तैयारी में रहना और इंटरनेशनल मैदानों पर बड़े पटक से खेलना उन्हें एक अलग पहचान दे रहा है।

इस तरह से, यशस्वी जायसवाल ने अपने टेस्ट डेब्यू में एक शानदार प्रदर्शन किया है और भारतीय क्रिकेट टीम को अच्छी बढ़त दिलाई है। उनके अब तक के 6 रिकॉर्ड और जानकारी के साथ, वे इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी जगह बना रहे हैं और भविष्य में और भी बड़े रिकॉर्ड बनाने की क्षमता रखते हैं। उनकी खेल के अधिक समर्थन के लिए उन्हें टीम इंडिया और क्रिकेट दर्शकों की ओर से शुभकामनाएं।

“यशस्वी जायसवाल: टेस्ट डेब्यू में शतक जड़कर बनाए 6 रिकॉर्ड”

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टेस्ट डेब्यू में शतक जड़कर बनाए गए 6 रिकॉर्ड ने यशस्वी जायसवाल को क्रिकेट दुनिया के सिरमौर खिलाड़ी बना दिया है। उनकी प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट को नई उम्मीदों की किरण मिली है और उन्हें क्रिकेट दर्शकों का समर्थन भी मिल रहा है। यहां आगे उनके टेस्ट डेब्यू में बनाए गए 6 रिकॉर्डों के बारे में विस्तार से जानकारी है:

  1. सबसे अधिक गेंदों का सामना: यशस्वी जायसवाल ने अपने टेस्ट डेब्यू मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 350 गेंदों का सामना किया। इससे पहले इस रिकॉर्ड का धारी भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम था, जिन्होंने 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ ईडन गार्डंस पर 322 गेंदों का सामना किया था।
  2. पहले टेस्ट में शतकीय पारी: यशस्वी जायसवाल ने अपने पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 143 रन की पारी खेली। इससे पहले कोई भारतीय खिलाड़ी अपने टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ने में सफल नहीं रहा था।
  3. पहली ओपनिंग जोड़ी बनी: यशस्वी जायसवाल और कप्तान रोहित शर्मा ने अपने पहले विकेट के लिए 229 रन की साझेदारी की, जिससे वे एशिया के बाहर पहले विकेट के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बैटर बन गए।
  4. यशस्वी को 17वें खिलाड़ी बना दिया: यशस्वी जायसवाल ने अपने टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ने वाले 17वें भारतीय खिलाड़ी बना दिया है। पहली बार ऐसा लाला अमरनाथ ने 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ किया था।
  5. चारों बड़े टूर्नामेंट में शतकीय पारी: यशस्वी जायसवाल ने चारों बड़े टूर्नामेंट में अपने पहले मैच में शतक जड़कर इतिहास रचा है। पहले वे पिछले साल दलीप ट्रॉफी में और फिर ईरानी ट्रॉफी में शतक जड़े थे।
  6. पहले खिलाड़ी जो वेस्टइंडीज के घर में शतक जड़ा: यशस्वी जायसवाल ने टेस्ट डेब्यू मैच में वेस्टइंडीज के घर में 143 रन का शतक जड़ा, जो उन्हें दूसरे भारतीय खिलाड़ियों से अलग बना दिया।

यशस्वी जायसवाल ने अपने टेस्ट डेब्यू में शानदार प्रदर्शन किया है और उनके इन रिकॉर्डों ने क्रिकेट दुनिया में उन्हें एक अलग पहचान दिलाई है। वे अब तक के रिकॉर्ड के साथ-साथ भविष्य में और भी बड़े रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार हैं। उन्हें आने वाले समय में और उत्साह से खेलते देखने का इंतजार रहेगा।

“यशस्वी जायसवाल: भारतीय क्रिकेट को नई उम्मीद की किरण”

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यशस्वी जायसवाल के आने से भारतीय क्रिकेट को नई उम्मीद की किरण जगी है। उनके टेस्ट डेब्यू में दिखाए गए शानदार प्रदर्शन ने क्रिकेट दुनिया को हैरान किया है और उन्हें सभी क्रिकेट प्रेमियों का समर्थन मिल रहा है।

यशस्वी जायसवाल की क्रिकेट करियर की शुरुआत खिलाड़ियों की तरह विशेष नहीं थी। उन्होंने मुंबई की गलियों में अपनी क्रिकेट ज़िन्दगी की शुरुआत की, और वहां से ही उनकी उम्रदराज क्रिकेट करियर की धार बढ़ती गई। उन्हें अपने बेहद तेज़ बैटिंग और दमदार टेक्निक के लिए पहचाना जाता है।

यशस्वी जायसवाल के पिछले कुछ सालों में दर्शाए गए प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के सभी स्तरों में ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें इस टूर्नामेंट में मिले बेहतरीन प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब भी मिला था।

यशस्वी जायसवाल के शतकीय पारी ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंचा दिया है। उनके पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए शानदार शतक ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में अलग पहचान दिलाई।

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यशस्वी जायसवाल की खिलाड़ी भावना, दृढ संकल्प और अद्भुत खेलने की क्षमता ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जगह बना ली है। उन्हें इस सफलता की खातिर बधाई और उम्मीद है कि वे आने वाले समय में और भी बड़े रिकॉर्ड बनाने के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट को और ऊँचाइयों तक पहुंचाएंगे। उन्हें और भी उत्साह से खेलते देखने का इंतजार रहेगा और हम सभी उन्हें बेहद सफलता की शुभकामनाएं भेजते हैं।

“यशस्वी जायसवाल: युवा खिलाड़ी के लिए संघर्ष से लेकर सफलता की कहानी”

यशस्वी जायसवाल की कहानी युवा खिलाड़ियों के लिए संघर्ष से लेकर सफलता की एक प्रेरणादायक उदाहरण है। वे एक छोटे से शहर से निकले एक साधारण से परिवार में पले थे और उनकी क्रिकेट करियर की शुरुआत भी आसान नहीं थी। लेकिन उन्होंने अपने संघर्षों के बीच खुद को साबित किया और सफलता की ऊँचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध हो गए।

यशस्वी की छोटी आयु में ही क्रिकेट में दिखते रहे प्रतिभा ने उन्हें बड़े संघर्षों का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में आर्थिक तंगदंगी के कारण वे क्रिकेट को छोड़ने के बारे में सोचने लगे थे, लेकिन उनके दृढ संकल्प ने उन्हें इस फैसले को पलटने से रोक दिया।

अपने सपनों को पूरा करने के लिए वे अपने आप को कड़ी मेहनत और निष्ठा से संघर्ष करते रहे। उनकी मेहनत और परिश्रम ने उन्हें मुंबई के क्रिकेट सर्किट में प्रवेश कराया। वहां से उनकी क्रिकेट करियर की उड़ान भरने लगी और उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में मौका मिला।

इन टूर्नामेंट में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया। इससे पहले भी वे अपने राष्ट्रीय स्तर के कई टूर्नामेंटों में चमक दिखा चुके थे और उन्हें क्रिकेट के बड़े पटल पर पहचान बनाने की राह खुल गई।

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यशस्वी जायसवाल के संघर्षों से लेकर सफलता तक की इस कहानी में उनके माता-पिता, परिवार, और कोच का भी बड़ा योगदान रहा है। उनके परिवार ने उन्हें हमेशा मोराल सपोर्ट किया और खुद को साबित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके कोच ने उन्हें उनके दमदार बैटिंग के लिए गाइड किया और उन्हें अपनी प्रतियोगिता में सुधारने में मदद की।

आज, यशस्वी जायसवाल भारतीय क्रिकेट के एक चमकते सितारे के रूप में उभर रहे हैं। उनकी इस सफलता की कहानी सभी युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।

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