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ओडिशा ट्रेन हादसे में लाशों की पहचान: डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया शुरू

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ट्रेन हादसे 1

ओडिशा के बालासोर जिले में हुए रेल हादसे में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और शोकाकुल परिवारों को इस दुखभरे समय में शवों की पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है। हावड़ा एडीएम जितिन यादव ने इसके बारे में जानकारी दी है और बताया है कि अब तक 101 शवों की पहचान नहीं हुई है। इसमें कुछ शवों पर कई परिवारों का दावा हो रहा है। इस स्थिति को सुलझाने के लिए, भुवनेश्वर AIIMS ने डीएनए सैंपलिंग का आयोजन किया है। डीएनए सैंपलिंग से परिवारों के दावों की पुष्टि की जाएगी।

डीएनए सैंपलिंग एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसका उपयोग अद्यतित और सटीक जीनेटिक जांच के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में, शवों से छोटे टुकड़ों के सैंपल लिए जाते हैं और उनमें से जीनेटिक मार्कर्स प्राप्त किए जाते हैं। ये मार्कर्स शव के जीनोम में मौज

आगे शवों की पहचान करने के लिए उपयोग होते हैं। यह सैंपल्स वैज्ञानिक और जीनेटिक जांच के लिए प्रयोग किए जाते हैं। डीएनए सैंपलिंग के बाद, इन सैंपल्स की जांच AIIMS या अन्य ज्ञानकोषों में की जाती है, जहां जीनेटिक प्रोफाइलिंग और मौजूदा जीनेटिक डेटाबेस की मिलान की जाती है। इस प्रक्रिया से, पहचान हेतु उपयुक्त जीनेटिक मार्कर्स के आधार पर शवों की पहचान होती है।

अभी तक, भुवनेश्वर AIIMS ने 10 डीएनए सैंपल्स लिए हैं, जिन्हें अपने प्रियजनों की पहचान के लिए दावा किया जा रहा है। डॉ. प्रवास त्रिपाठी, भुवनेश्वर AIIMS के डिप्टी सुपरिटेंडेंट, ने बताया कि अब तक 177 शवों को पहचान कर परिवारों को सौंप दिया गया है, जिसमें से 64 शवों को उनके परिजनों को वापस मिला है। हालांकि, 101 शवों की पहचान अभी तक संभव नहीं हो सकी है।

शवों की रखरखाव के लिए, शवों को पांच अलग-अलग कंटेनर में रखा गया है

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ओडिशा ट्रेन हादसे में लाशों की पहचान: परिवारों के दावों को समझने के लिए डीएनए सैंपलिंग

ट्रेन हादसे

डिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में हुए अत्यंत दुःखद घटनाक्रम में, अब तक 278 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में शामिल लोगों में से 101 लाशों की पहचान अभी तक संभव नहीं हो पाई है। इसके कारण, कई परिवार अपने अपने परिजनों की पहचान करने में परेशानी झेल रहे हैं। इस संदेश के साथ ही, भुवनेश्वर AIIMS ने इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया परिवारों के दावों को समझने और सत्यापित करने में मदद करेगी।

डीएनए सैंपलिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें शवों से छोटे से भाग को लिया जाता है, जिसे डीएनए कहा जाता है। इस डीएनए के माध्यम से, वैज्ञानिक जीनेटिक जांच करते हैं और शव की पहचान के लिए उपयोग करते हैं। डीएनए सैंपलिंग के बाद, इन सैंपल्स को जीनेटिक जांच के

बाद, परिवारों द्वारा दावा किए जा रहे शवों के साथ मिलाए जाते हैं। इसके लिए डीएनए सैंपलिंग प्रक्रिया काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वैज्ञानिक रूप से शवों की पहचान की जा सकती है और उन परिवारों को संतुष्टि मिल सकती है जिन्होंने खोये हुए परिजनों की खोज में लगातार प्रयास किए हैं।

डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया में, शव से छोटे से भाग को संग्रहीत किया जाता है, जो मुख्य रूप से शव के जीनेटिक माट्रिक्स को संकलित करता है। इस भाग में शव के डीएनए के संकलन के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग किया जाता है। यह सैंपल उच्चतम मानकों के अनुसार लैब में जांच के लिए भेजा जाता है।

डीएनए सैंपलिंग के द्वारा प्राप्त की जाने वाली जानकारी जीनेटिकली विश्लेषित की जाती है और उसके आधार पर वैज्ञानिकों को शव की पहचान करने में मदद मिलती है। यह तकनीक अनुक्रमिक तत्व विश्लेषण, जीनेटिक मार्कर्स के उपयोग, और उपात्त के माध्यम .

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डीएनए सैंपलिंग: लाशों की पहचान के लिए वैज्ञानिक तकनीक

ट्रेन हादसे 1

डीएनए सैंपलिंग एक वैज्ञानिक तकनीक है जो लाशों की पहचान करने में मदद करती है। यह तकनीक डीएनए के माध्यम से जीनेटिक जांच करती है और उसे परिवारों के दावों को समझने और सत्यापित करने में उपयोगी बनाती है। यह तकनीक वैज्ञानिकों को अटल और विश्वसनीय शव पहचान प्रदान करने में मदद करती है।

डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया में, शव से छोटे से भाग को संग्रहीत किया जाता है। यह भाग शव के डीएनए के संकलन के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग करता है। डीएनए सैंपल उच्चतम मानकों के अनुसार लैब में जांच के लिए भेजा जाता है। जांच के दौरान, वैज्ञानिकों द्वारा डीएनए के संकलन का विश्लेषण किया जाता है। इस विश्लेषण के आधार पर, शव की पहचान की जा सकती है और परिवारों को संतुष्टि मिल सकती है।

यह तकनीक वैज्ञानिक लैबों में विशेषज्ञों द्वारा संचालित की जाती है। डीएनए सैंपलिंग के द्वारा प्राप्त की जाने वाली जानकारी जीनेटिकली विश्लेषित की जाती है और उसके आधार पर शवों की पहचान की जाती है।

डीएनए सैंपलिंग तकनीक की महत्त्वपूर्ण फायदे हैं:

  1. पहचान की संभावना: डीएनए सैंपलिंग वैज्ञानिक रूप से परिवारों के दावों को समझने में मदद करती है और लाशों की पहचान के लिए महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करती है। यह तकनीक अटल और विश्वसनीय शव पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  2. सत्यापित प्रमाण: डीएनए सैंपलिंग के द्वारा प्राप्त की जाने वाली जानकारी वैज्ञानिक रूप से सत्यापित की जाती है। इससे परिवारों को शवों की पहचान पर भरोसा होता है और उन्हें संतुष्टि मिलती है।
  3. विधि का विकास: डीएनए सैंपलिंग तकनीक में नवीनतम विधियों का विकास होता रहता है। यह तकनीक

डीएनए सैंपलिंग एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक तकनीक है जो लाशों की पहचान करने में मदद करती है और शवों की पहचान के साथ-साथ परिवारों को उनके दावों को समझने में सहायता प्रदान करती है। यह तकनीक कई लाभ प्रदान करती हैं:

  1. शवों की पहचान: डीएनए सैंपलिंग के माध्यम से वैज्ञानिक रूप से शवों की पहचान की जा सकती है। यह शवों की उपस्थिति, व्यक्तिगत विशेषताओं, रोग या अपराधिक इतिहास, और अन्य आंकड़ों की जांच करके होती है। यह परिवारों को अपने प्रियजनों की शव पहचानने में मदद करती है और उन्हें अंतिम संस्कार और अंतिम विदाई का समय और स्थान निर्धारित करने में सहायता प्रदान करती है।
  2. परिवारों के दावों की समझ: डीएनए सैंपलिंग द्वारा प्राप्त की गई जानकारी पर आधारित विश्लेषण परिवारों को उनके दावों को समझने में मदद करती है। यह उन्हें शव के व्यक्तिगत और जीवनीय विवरणों, उनके संबंध,

रिवारों के साथ किए गए जन्म, विवाह और रिश्तेदारी के आधार पर जानकारी प्रदान कर सकती है। इससे परिवारों को अपने खोए हुए प्रियजनों की पहचान में सहायता मिलती है और वे अपने विरासत और नागरिकता के मामलों को समझने में सक्षम होते हैं।

  1. विधानिक और न्यायिक प्रक्रिया में मदद: डीएनए सैंपलिंग विधानिक और न्यायिक प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अपराध जांच या अदालती मामलों में, शवों से प्राप्त की जाने वाली जानकारी इस्तेमाल की जा सकती है ताकि अपराधी या अपराधिक घटनाओं के लिए सजा या न्याय दिया जा सके। यह न्यायिक प्रक्रिया को विश्वसनीयता और विश्वास स्थापित करने में मदद करता है।
  2. वैज्ञानिक और अनुसंधानिक उपयोग: डीएनए सैंपलिंग वैज्ञानिक और अनुसंधानिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण उपयोग होती है। इसके माध्यम से वैज्ञानिक अध्ययनों और गबन और मानव जीवविज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी उपकरण

डीएनए सैंपलिंग की प्राथमिकताएं

डीएनए सैंपलिंग वैज्ञानिक तकनीक है जो लाशों की पहचान और जीनेटिक विश्लेषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी कुछ मुख्य प्राथमिकताएं हैं:

  1. शवों की पहचान: डीएनए सैंपलिंग शवों की पहचान को सुगम और विश्वसनीय बनाती है। इस तकनीक के माध्यम से शव के जीनेटिक बांध को पता लगाया जा सकता है और उसे अन्य शवों और उनके परिवार सदस्यों के साथ तुलना करके पहचाना जा सकता है।
  2. सत्यापन: डीएनए सैंपलिंग की विश्लेषण प्रक्रिया वैज्ञानिक रूप से सत्यापित होती है। इससे परिवारों को उनके दावों के सत्यापन का विश्वस्तरीय आधार मिलता है और उन्हें विश्वास होता है कि उनके प्रियजनों की पहचान सही है।
  3. न्यायिक और विधानिक मामलों में उपयोग: डीएनए सैंपलिंग की जानकारी न्यायिक और विधानिक मामलों में उपयोगी होती है। यह मामलों की विश्वस्तता और सटीकता को सुनिश्चित करने
  4. धानिक प्रक्रिया को सुगम बनाती है। डीएनए सैंपलिंग की जानकारी अपराध जांच में उपयोगी होती है ताकि अपराधियों की पहचान की जा सके और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।
  5. वैज्ञानिक अनुसंधान में उपयोग: डीएनए सैंपलिंग वैज्ञानिक अनुसंधान में महत्वपूर्ण तकनीक है। इसके माध्यम से वैज्ञानिक अध्ययनों, जैविक विविधता के अध्ययन, जीनेटिक संरक्षण, उपचार विकास, और जीनेटिक रोगों की विश्लेषण करने में मदद मिलती है।
  6. सार्वजनिक स्वास्थ्य में उपयोग: डीएनए सैंपलिंग सार्वजनिक स्वास्थ्य और जनसंख्या स्तर पर भी महत्वपूर्ण तकनीक है। इसके माध्यम से व्यक्तिगत और जनसंख्या आधारित जीनेटिक संदर्भी जानकारी को विश्लेषण किया जा सकता है, जो विभिन्न बीमारियों, उत्पादकता, और उपचार में मदद करती है।

डीएनए सैंपलिंग की चुनौतियां और संबंधित मुद्दे

डीएनए सैंपलिंग एक उच्च प्रयोगशील और महत्वपूर्ण तकनीक है, लेकिन इसके उपयोग में कुछ चुनौतियां और मुद्दे भी हैं:

  1. विश्लेषण की मान्यता: डीएनए सैंपलिंग के विश्लेषण की मान्यता और सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसके लिए उच्चतम मानकों का पालन किया जाना चाहिए और वैज्ञानिक नियमों और नियंत्रणों का पालन किया जाना चाहिए। सुरक्षा पर्याप्त रूप से संरचित होनी चाहिए ताकि इसका गलत उपयोग न हो और गोपनीयता संरक्षित रहे।
  2. तकनीकी मुद्दे: डीएनए सैंपलिंग के लिए व्यापक तकनीकी ज्ञान और कुशलता की आवश्यकता होती है। विश्लेषण के लिए उपयुक्त उपकरणों, प्रयोगशाला सुविधाओं, और व्यवस्थापन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, अद्यतित तकनीकी ज्ञान और वैज्ञानिक विकास के साथ साथ तकनीकी मुद्दों का निरंतर समाधान करते रहना आवश्यक होता है
  3. नैदानिक विवाद: डीएनए सैंपलिंग के नतीजे नैदानिक विवादों का कारण बन सकते हैं। कई बार विभिन्न व्यक्तियों या परिवारों के बीच विरासत, नागरिकता, या पत्रिका संबंधित मामलों में डीएनए सैंपलिंग के नतीजों को लेकर विवाद उत्पन्न हो सकता है। इसके लिए विश्लेषण की समझदारी, विश्वसनीयता और स्पष्टता की आवश्यकता होती है।
  4. आधिकारिक मान्यता: डीएनए सैंपलिंग की आधिकारिक मान्यता और न्यायिक वैधता भी महत्वपूर्ण है। यह विश्वस्तरीय मानकों, नियमों, और निर्देशों के अनुसार होनी चाहिए। कुछ देशों और क्षेत्रों में डीएनए सैंपलिंग के लिए विशेष कानूनी प्रक्रियाएं और प्रतिबंध हो सकते हैं, और उन्हें पूरी करना आवश्यक होता है।
  5. नैदानिक और नैतिक मुद्दे: डीएनए सैंपलिंग के उपयोग से नैदानिक और नैतिक मुद्दे जुड़ सकते हैं। यह संबंधित हो सकता है जैसे गोपनीयता, गैर-संवेदनशील
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