>
Connect with us

खबर

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के कार्यकाल को अवैध ठहराया, केंद्र सरकार को झटका

Published

on

कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के नवीनतम फैसले में केंद्र सरकार के लिए एक झटका आया है। इस फैसले के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध घोषित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे कार्यकाल का विस्तार रद्द करते हुए कहा है कि ईडी निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाना अवैध है। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए यह भी बताया है कि ईडी और सीबीआई निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने का नियम सही है।

यह फैसला उन याचिकाओं के माध्यम से आया है जो केंद्र सरकार के खिलाफ दायर की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में दिए गए आदेश को याद दिलाते हुए कहा है कि ईडी निदेशक का कार्यकाल आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस प्रकार, संजय कुमार मिश्रा अपने पद पर 31 जुलाई तक ही रहेंगे।

संजय कुमार मिश्रा को 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करके उनके कार्यकाल को तीन साल बढ़ा दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 2021 में एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी के निदेशक का कार्यकाल दो साल से अधिकतम पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। यह अध्यादेश संसद में भी मान्यता प्राप्त कर चुका है।

यह फैसला विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दों पर टिप्पणी करते हुए उनकी आलोचना भी की है। यह घटना सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया फैसला महत्वपूर्ण है और इससे केंद्र सरकार के विभिन्न नियमों और निर्णयों पर प्रकाश डाला जाएगा।

यह फैसला एक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार के निर्णयों की वैधता और उनके खिलाफ चुनौतियों की पहचान करता है। इसके अलावा, यह फैसला भारतीय न्यायिक प्रणाली की मजबूती को दर्शाता है .

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार को अवैध घोषित किया गया

कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को अवैध घोषित किया है। यह फैसला केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे कार्यकाल का विस्तार रद्द करते हुए कहा है कि ईडी निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाना अवैध है। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए यह भी बताया है कि ईडी और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने का नियम सही है।

इस फैसले के पीछे उस याचिका की सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार के खिलाफ उठाए गए आरोपों का जवाब देना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका के दौरान पहले आदेश दिया था कि ईडी निदेशक का कार्यकाल आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं है। इसलिए, संजय कुमार मिश्रा अपने पद पर 31 जुलाई तक ही रहेंगे।

संजय कुमार मिश्रा को 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करके उनके कार्यकाल को तीन साल बढ़ा दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 2021 में एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी के निदेशक का कार्यकाल दो साल से अधिकतम पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। इस अध्यादेश को संसद में मान्यता प्राप्त कराई गई थी।

यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजनीतिक और कानूनी महत्व रखता है। इससे सरकार के निर्णयों की वैधता पर प्रश्न उठता है और यह दर्शाता है कि न्यायिक प्रणाली किसी भी अवैधता के खिलाफ खड़ी होने की क्षमता रखती है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से केंद्र सरकार को झटका, ईडी निदेशक का कार्यकाल अवैध ठहराया

कोर्ट 2

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के माध्यम से केंद्र सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। इस फैसले के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल अवैध ठहराया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के तीसरे कार्यकाल के विस्तार को रद्द करते हुए यह निर्णय लिया है। हालांकि, कोर्ट ने सीबीआई और ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक विस्तारित करने की प्रक्रिया को मान्यता दी है।

यह फैसला उस याचिका के परिणामस्वरूप आया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार के खिलाफ दायर किए गए मुद्दों का निर्णय लेना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने एक पूर्व आदेश के संदर्भ में कहा है कि ईडी निदेशक के कार्यकाल को औगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसलिए, संजय कुमार मिश्रा अपने पद पर 31 जुलाई तक ही रह सकते हैं।

संजय कुमार मिश्रा को 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करके उनके कार्यकाल को तीन साल तक बढ़ा दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने 2021 में एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी निदेशक का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। इस अध्यादेश को संसद में मान्यता प्राप्त कराई गई थी।

Advertisement

यह फैसला न्यायिक और राजनीतिक महत्व रखता है और केंद्र सरकार के निर्णयों को प्रभावित करेगा। इससे सुप्रीम कोर्ट की स्थापिति की महत्वपूर्णता और उसकी न्यायिक प्राधिकरण की आत्मनिर्भरता प्रमाणित होती है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से केंद्र सरकार को झटका, ईडी निदेशक का कार्यकाल अवैध ठहराया


सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने केंद्र सरकार को एक महत्वपूर्ण झटका पहुंचाया है। इस निर्णय के माध्यम से, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) निदेशक के कार्यकाल को अवैध घोषित किया है। यह फैसला केंद्र सरकार के लिए एक अप्रत्याशित झटका है। सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे कार्यकाल के विस्तार को रद्द करते हुए कहा है कि ईडी निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाना अवैध है। यह फैसला केंद्र सरकार को सीधे प्रभावित करेगा।

संजय कुमार मिश्रा को 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करके उनके कार्यकाल को तीन साल तक बढ़ा दिया था। इसके बाद, केंद्र सरकार ने 2021 में एक अध्यादेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दर्शाया है कि संविधानिक माध्यम के तहत कार्य करते हुए, सुप्रीम कोर्ट की प्रभावशाली न्यायिक प्रणाली किसी भी अवैधता के खिलाफ उठती है। यह फैसला राजनीतिक दलों और सामाजिक मंचों के बीच चर्चा का विषय बनेगा और उन्हें सरकार के निर्णयों के प्रति सतर्क रहने के लिए प्रेरित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के परिणामस्वरूप, केंद्र सरकार को ईडी निदेशक के कार्यकाल में विस्तार करने का अवैध आदेश रद्द कर दिया गया है। यह फैसला सरकार के लिए एक बड़ा प्रतिबंधित कदम है क्योंकि यह उनके कार्यकाल में बदलाव को रोक देता है।

Advertisement

इस फैसले के पहले, संजय कुमार मिश्रा को 2018 में ईडी निदेशक के पद पर दो साल के लिए नियुक्त किया गया था। इसके बाद, केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी करके उनके कार्यकाल को तीन साल तक बढ़ा दिया था। यह आदेश सरकार के द्वारा 2021 में पारित किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में सुधार करते हुए यह तय किया है कि ईडी निदेशक का कार्यकाल अवैध है और उनके कार्यकाल में किसी विस्तार को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक विस्तारित करने की प्रक्रिया को सही ठहराया है।

यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की मजबूती, आदालती न्याय और संविधानिक मानदंडों की प्रभावशाली प्रतिष्ठा को दर्शाता है। यह उच्चतम न्यायालय द्वारा कानूनी प्रशासन की स्थिरता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने का प्रमुख उदाहरण है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सरकारी निर्णयों पर प्रभाव डालेगा और विपक्ष के आरोपों पर जवाबदेही बनाएगा।

Continue Reading
Advertisement