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“लॉरेंस गैंग: गुर्गों की भर्ती और नाबालिगों का हिप्नोटाइज्म”

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गुर्गों की भर्ती एक घातक और अनैतिक प्रथा है, जिसे अधिकांश अपराधियों द्वारा अपनाया जाता है। इसी तरह, क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में एक ऐसे गैंग की खुलासा की है, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई के नाम से मशहूर गैंगस्टर युवा और नाबालिग लड़कों को हिप्नोटाइज कर बंपर भर्तियां कर रहा है। इस अपराधी गैंग के आदेशक नरेश शेट्टी अपने वश में नाबालिगों को कर रहा है और उन्हें अपने उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

क्राइम ब्रांच के अनुसार, नरेश शेट्टी उन लड़कों का चयन करता है जो जेलों से या सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े होते हैं। वह इन लड़कों को हिप्नोटाइज करके उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गैंग में शामिल करता है। नरेश शेट्टी इसके लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करता है और नाबालिगों को अपनी इच्छानुसार बनाता है।

नरेश शेट्टी उग्र वशीकरण तकनीकों का उपयोग करता है, जिससे वह लड़कों को अपने वश में कर लेता है। यह तकनीक उन्हें आसानी से नियंत्रित करने में मदद करती है और उन्हें गैंग के सदस्य बना देती है। नरेश शेट्टी के निर्देशों के अनुसार, इन नाबालिगों को विभिन्न अपराधिक कार्यों में शामिल किया जाता है, जैसे कि शराब कारोबारी से फिरौती, बिजनेसमैन से वसूली, दफ्तरों पर फायरिंग, टोल प्लाजा के मालिक, बड़े दवा कारोबारी, कार शो रूम के मालिक, बड़ी गारमेंट्स फैक्ट्री के मालिक से वसूली इत्यादि।

नरेश शेट्टी के प्रभाव से, इस समूह में करीब 500 नाबालिग शामिल हैं, जो विभिन्न जेलों से और सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से जुड़े हुए हैं। इन नाबालिगों को अपने कोड नाम दिए जाते हैं, जैसे कि डेविल, बॉबी, रॉकेट और गो गो, और उन्हें अपने उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए इन नाबालिगों का उपयोग करने से पहले,लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम भारतीय अपराध दुनिया में डरावना रहा है। यह गैंग भारत में विभिन्न अपराधों के लिए जाना जाता है और नरेश शेट्टी के नेतृत्व में कार्य करता है। इस गैंग ने नाबालिगों को बांधकर अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उन्हें इस्तेमाल किया है। नरेश शेट्टी ने इसके लिए हिप्नोटिज्म का इस्तेमाल किया है और नाबालिगों को अपने वश में करके उन्हें गैंग के सदस्य बना दिया है।

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यह नई दिल्ली की क्राइम ब्रांच द्वारा खुलासा किया गया है कि नरेश शेट्टी बाकायदा प्लेसमेंट एजेंसी की तर्ज पर चुने गए नाबालिग लड़कों को इस गैंग में भर्ती कर रहा है। यह गैंग इन लड़कों को अपने उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रही है, जो शायद अपराधियों को प्रभावित करने में आसानी प्रदान करती है।

इस प्रक्रिया में, नरेश शेट्टी नाबालिगों के साथ दिलचस्पी जताता है और उन्हें अपनी बातचीत का हिस्सा बनाता है। धीरे-धीरे, वह उन्हें हिप्नोटाइज कर लेता है और उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार हंसमुख बना देता है। उन्हें इस गैंग के सदस्य बना देने के लिए, नरेश शेट्टी उन्हें लॉरेंस बिश्नोई के किस्से सुनाता है और लॉरेंस की सोशल मीडिया वीडियो रील्स दिखाता है, जिससे वह इन लड़कों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा इन नाबालिगों का उपयोग किया जाता है ताकि वे अपराधियों के लिए विभिन्न कार्यों को पूरा कर सकें। इन नाबालिगों का संख्या काफी बड़ी है और वे देश भर की जेलों से और सोशल मीडिया साइट्स के जरिए जुड़े हुए हैं। यह नाबालिग इस गैंग के लिए विभिन्न कार्यों में शामिल होते हैं और उनकी सहायता से गैंग के लक्ष्य को पूरा किया जाता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा नाबालिगों का उपयोग करने से गैंग को अधिक शक्ति मिलती है और वह अपने अपराधिक कार्यों को और बड़े स्तर पर कर सकती है।

“नरेश शेट्टी: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के प्रमुख का सामरिक नाता”

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नरेश शेट्टी द्वारा चलाए जाने वाले लॉरेंस बिश्नोई गैंग के प्रमुख का सामरिक नाता दिल्ली के अपराधिक दुनिया में विख्यात है। इस नाते का मकसद लॉरेंस बिश्नोई गैंग को शक्तिशाली और बड़ा बनाना है। नरेश शेट्टी ने युवाओं और नाबालिगों को अपने वश में करके इस गैंग के लिए सैन्य कार्यों का प्रयोग किया है।

नरेश शेट्टी की यह विशेषता है कि वह अद्वितीय वशीकरण कौशल का धनी है। वह नाबालिगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हिप्नोटाइज्म का उपयोग करता है। इस तकनीक के द्वारा, वह उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार बना देता है और उन्हें गैंग के लिए भर्ती कर लेता है। इस नाते में, नरेश शेट्टी नाबालिगों को लॉरेंस बिश्नोई के खतरनाक किस्से सुनाता है और उन्हें लॉरेंस के सामरिक वीडियो रील्स दिखाता है। इस तरीके से, वह उन्हें गैंग के सदस्य बना देता है और अपनी आदेशों का पालन करवाता है।

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नरेश शेट्टी ने यह निश्चित कर लिया है कि उनके पास गैंग के कार्यों को पूरा करने के लिए एक बड़ी संख्या में नाबालिग लड़के मौजूद हैं। इन लड़कों को अपने कोड नाम दिए जाते हैं और वे अपने उद्देश्यों के लिए नियोजित किए जाते हैं। नाबालिगों के कोड नाम जैसे डेविल, बॉबी, रॉकेट और गो गो रखे जाते हैं। यह नाम उनकी पहचान बनते हैं और इन नाबालिगों को समूह के आदेशों का पालन करने के लिए उत्साहित करते हैं।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए इन नाबालिगों के उपयोग से नरेश शेट्टी को गैंग की ताकत मिलती है और वह अपने अपराधिक निशानों को पूरा करने में सफल होता है। ये नाबालिग अपने काम को सच्चाई से निभाने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं और अपनी संगठनात्मक क्षमता को बढ़ाते हैं।

नरेश शेट्टी द्वारा नाबालिगों को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए इस्तेमाल किया जाना इस गैंग की ख्याति और प्रभाव को बढ़ाता है। यह सामरिक नाता नरेश शेट्टको बड़ी ताकत प्रदान करता है और उसे गैंग को विश्वस्तर पर बढ़ा सकने का मौका देता है। नरेश शेट्टी विदेशों से अपने संघर्षी को वापस लाने के लिए कई कॉल कर रहा है और हरियाणा की सुरक्षा एजेंसियां भी उन्हें भारत लाने के लिए प्रयासरत हैं। इस प्रक्रिया में, वह अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ संपर्क में भी है ताकि नरेश शेट्टी को विदेश से भारत लाया जा सके और उसका अवैध गतिविधियों पर रोक लगा सकें।

हरियाणा की सुरक्षा एजेंसियां अक्षय को भारत लाने के लिए सक्रिय हैं, क्योंकि अक्षय एक उभरता हुआ गैंगस्टर है और उसे जल्दी से भारत वापस लाना आवश्यक है। अगर इसे समय पर नहीं पकड़ा जाता है, तो यह इंटरनेशनल स्तर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग को बढ़ा सकता है। नरेश शेट्टी के इस्तेमाल से लॉरेंस बिश्नोई गैंग को बड़ाई गई ताकत अब अक्षय के हाथ में है, जो अपनी अपराधिक गतिविधियों को विस्तारित कर सकता है।

गौरव बरार और अनमोल बिश्नोई इंटरनेशनल स्तर पर पहले से ही अपनी पहचान बना चुके हैं, और अब अक्षय को सौंप दिया गया है ताकि वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर सके। इसलिए, अब नरेश शेट्टी का मुख्य ध्येय है इंटरनेशनल ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभालना।

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इस प्रकार, नरेश शेट्टी द्वारा लॉरेंस बिश्नोई गैंग के प्रमुख के साथ सामरिक नाता बनाया गया है जो इस अपराधिक संगठन को बड़ा और शक्तिशाली बनाने का मकसद रखता है। इसके माध्यम से, नाबालिगों को इस्तेमाल करके गैंग के उद्देश्यों को पूरा किया जाता है और इस तरीके से नरेश शेट्टी को गैंग के साथ संघर्ष करने के लिए अत्याधिक शक्ति प्राप्त होती है।

“लॉरेंस बिश्नोई गैंग: भ्रष्टाचार और नाबालिगों के शोषण का आरोप”

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लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर भ्रष्टाचार और नाबालिगों के शोषण का आरोप बहुत गंभीर मुद्दा है। नरेश शेट्टी द्वारा चलाए जाने वाले इस गैंग के सदस्यों को युवा और नाबालिग लड़के धोखे से भर्ती किए जाने का आरोप क्राइम ब्रांच द्वारा किया गया है।

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक, नरेश शेट्टी द्वारा गैंग के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें भ्रष्टाचार में शामिल किया जाता है। उनके कई आरोपों के अनुसार, नरेश शेट्टी नाबालिग और युवाओं को हिप्नोटाइज करके उन्हें गैंग में भर्ती करता है। उन्हें लॉरेंस बिश्नोई के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाता है और उन्हें अपनी गैंग के लिए उपयोग किया जाता है।

नाबालिगों के साथ इस तरह का शोषण करना गैंग के आरोपों में सबसे खींचता हुआ है। नरेश शेट्टी नाबालिगों को अपनी पासबैठकों और मुलाकातों में आसानी से लाते हैं, और फिर उन्हें गैंग में शामिल करने के लिए मनाते हैं। यह भ्रष्टाचार का एक गंभीर रूप है जो नाबालिगों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

क्राइम ब्रांच द्वारा किए गए जांच में, पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए नाबालिगों को शोषण में शामिल किया जाता है। ये नाबालिग गैंग के टास्क को पूरा करने के लिए उपयोग होते हैं और उन्हें अपराधियों द्वारा प्रभावित किया जाता है। उनका उपयोग अपराधिक कारोबार, बिजनेस के लिए वसूली या चुनौतीपूर्ण स्थितियों में नुकसान करने के लिए किया जाता है।

इस अभियान में नाबालिगों का उपयोग करने से लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ताकत में वृद्धि होती है और इससे उनके अपराधिक कारोबार में एक प्रकार का वृद्धि देखने को मिलता है। नाबालिगों का इस्तेमाल करके उन्हें गैंग के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता मिलती है और इससे नरेश शेट्टी को गैंग के साथ संघर्ष करने के लिए अधिक शक्ति मिलती हती है। इसके साथ ही, नरेश शेट्टी द्वारा नाबालिगों को शोषण करने से लॉरेंस बिश्नोई गैंग की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।

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इस आरोप के प्रमाण के रूप में, क्राइम ब्रांच ने दिल्ली और नई दिल्ली क्षेत्र में कई मामलों की जांच की है और नाबालिगों के संलग्न होने की खुदाई की है। इन जांचों में पाए गए सबूत द्वारा प्रमाणित हो गया है कि नरेश शेट्टी गैंग के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल कर रहा है और उन्हें उनके उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता प्रदान कर रहा है।

इस घोर आरोप के बावजूद, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के प्रमुख ने अभी तक इसे खारिज करने का कोई बयान नहीं दिया है। क्राइम ब्रांच और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच जारी रख रही हैं और सख्त कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही हैं। इस आरोप के आधार पर, नाबालिगों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए और ऐसी अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

अंतिम शब्द में, लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर भ्रष्टाचार और नाबालिगों के शोषण का आरोप एक गंभीर मामला है। यह मामला सामाजिक, मानसिक, और कानूनी दृष्टिकोण से अत्यंत चिंता का विषय है। सरकारी और सुरक्षा एजेंसियों को यहां तत्पर रहना चाहिए और ऐसी गिरोही गतिविधियों को रोकने के लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। नाबालिगों की सुरक्षा और संरक्षण को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि हमारा समाज निरपेक्ष, न्यायपूर्ण, और सुरक्षित हो सके।

“लॉरेंस बिश्नोई गैंग: आम लोगों की सुरक्षा में खतरा”

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गतिविधियों के चलते आम लोगों की सुरक्षा पर बहुत बड़ा खतरा है। यह गैंग अपराधियों की गड़बड़ी और उत्पीड़न को बढ़ावा देती है, जिससे लोगों को आतंकित महसूस होता है और उनकी जीवन सुरक्षा पर संकट बढ़ जाता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य नाबालिगों को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में शामिल करते हैं। ये नाबालिग उनके आदेशों का पालन करते हैं और उनके अपराधिक कारोबार में शामिल होते हैं, जिससे सामान्य लोगों को खतरा होता है। इन गतिविधियों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की सदस्यों का इस्तेमाल चोरी, लूटपाट, दबंगई, और हिंसा जैसे अपराधों के लिए किया जाता है। इससे आम लोगों को संकट में डालने के अलावा उनकी संपत्ति, जीवन, और स्वतंत्रता को भी प्रभावित किया जाता है।

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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के आम लोगों के प्रति धृष्टता का आरोप भी है। गैंग के सदस्य लोगों को डरा कर अपने मार्ग में चलने के लिए बाध्य करते हैं और उनकी अनुपस्थिति और संघर्ष में उनके सामरिक नाते का इस्तेमाल करते हैं। इससे लोगों को सुरक्षित महसूस करने का अधिकार छीना जाता है और उन्हें सतर्क रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में, आम लोगों को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उठानी पड़ती है।

इस खतरनाक गैंग के प्रति सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस अधिकारी सतर्क रहने के लिए कार्यशील होनी चाहिए। आपराधिक गतिविधियों की जांच और उन्हें रोकने के लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके साथ ही, समुचित सुरक्षा व्यवस्था को स्थापित करने के लिए आवश्यक उपाय लिए जाने चाहिए, जिससे आम लोगों की सुरक्षा बढ़े और उनको आतंकित न होने पर भरोसा हो।

समाज के हर व्यक्ति को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ एकजुट होकर इस खतरे से निपटने की जरूरत है। सामाजिक संगठनों, निगमों, और सरकारी अधिकारियों को अपराधियों की खिलाफ जागरूकताऔर शिकायत को बढ़ावा देना चाहिए। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही, सामाजिक बदलाव को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जो ऐसी अपराधिक गिरोहों को बाहर कर सकता है। इसके लिए, सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम, शिक्षा, और संगठनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के आचरण से आम लोगों को जीवन का खतरा हो रहा है। इस परिस्थिति में, सुरक्षा और न्याय के माध्यम से इस गैंग के खिलाफ संघर्ष करना आवश्यक है। सरकार, पुलिस, और समाज को मिलकर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लॉरेंस बिश्नोई गैंग की गतिविधियों को रोका जा सके और सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जा सके। इससे आम लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी और समाज में एक भयमुक्त और सुरक्षित माहौल स्थापित होगा।

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