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मानसून सत्र में हंगामा: मणिपुर हिंसा और विपक्ष के दावे |Today Latest 2023

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सत्र में हंगामा 2

संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन था और वहां पर ज्यादा ध्यान मणिपुर हिंसा पर था, जिससे कई मुद्दों पर हंगामा हुआ। विपक्षी दल ने बेरोजगारी, भारत-चीन सीमा स्थिति और अन्य मुद्दों पर भी कड़े विरोध प्रदर्शन किया। इसके पश्चात विपक्ष का आग्रह था कि प्रधानमंत्री मोदी संसद में मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर भी चर्चा करें। वहीं पीएम मोदी ने सांसदों से कई विधेयकों पर विस्तारित चर्चा के लिए उन्हें विशेष ध्यान देने का आग्रह किया।

मणिपुर हिंसा के मामले में प्रधानमंत्री मोदी ने दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्होंने इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता बताया। उन्होंने मणिपुर की बेटियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न की निंदा की।

लोकसभा और राज्यसभा में सत्र की कार्यवाही 11 बजे से शुरू हुई, लेकिन विपक्ष ने कल के हंगामे के चलते संसद को शुक्रवार तक स्थगित करने का आंदोलन किया था।

प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी सदन में मौजूद थे जो हंगामे में शामिल थे। विपक्षी दल ने ‘मणिपुर… मणिपुर’ और ‘मणिपुर जल रहा है’ के नारे लगाए थे।

संसद के उच्च सदन के नियम 267 के तहत विरोधक सदस्यों ने नोटिस दिया था जिसमें उन्होंने सत्र की कार्यवाही को रोकने की मांग की थी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सरकार ने सत्र के लिए 31 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें सत्र के समाप्त होने से पहले 17 बैठकें होंगी।

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प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से कई विधेयकों पर विस्तारित चर्चा के लिए उन्हें सत्र का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया, जिससे संसद के मानसून सत्र में बहुत सारे मुद्दे चर्चा के लिए उपलब्ध हो सकें।

इससे पहले विपक्ष ने कई मुद्दों पर हंगामे किया था और मणिपुर हिंसा के मामले में चर्चा की मांग की थी, जिससे सत्र को रोकने का आंदोलन चला था। इससे एक तरफ विपक्षी दल ने अपने मुद्दों को उठाया और दूसरी तरफ सरकार ने सत्र के लिए कई विधेयकों को तैयार किया था। यह अब देखा जा सकता है कि कैसे संसद के मानसून सत्र में इन मुद्दों पर काम होता है और क्या विपक्ष के दावे पूरे होते हैं।

एक बात स्पष्ट है कि मानसून सत्र देश के मुद्दों पर चर्चा का महत्वपूर्ण मौका है, और इसमें सभी दलों को बिलकुल भागीदारी दिखानी चाहिए ताकि देश के विकास और समृद्धि के लिए संयुक्त प्रयास किए जा सकें।

इस सत्र में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चेयरपर्सन जगदीप धनखड़ से अपनी मांग रखी थी कि प्रधानमंत्री मोदी संसद में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करें, जो की सरकार ने सत्र को रोकने का कारण बताया था।

विपक्ष के दावे के बीच पीएम मोदी ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के माध्यम से संसद के मानसून सत्र में विधेयकों के व्यापक चर्चा के लिए सदस्यों को ध्यान देने के लिए आग्रह किया, ताकि देश के विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार किया जा सके।

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संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन के दृश्य ने यह दिखाया कि संसद विवाद और विरोध का माहौल है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण है कि विपक्ष और सरकार दोनों के बीच सही समझौते और सहयोग से देश के विकास को निरंतरता से अग्रसर रखा जाए।

इस संसद के मानसून सत्र का पूरा उपयोग करके सभी दलों को सहमति और एकजुटता से काम करने की आवश्यकता है ताकि देश के विभिन्न मुद्दों पर अच्छे और समझदार निर्णय लिए जा सकें, जो देश के लोगों के हित में हों।

*संसद के मानसून सत्र में चर्चा के मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच संवाद का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है जो की देश के विकास और समृद्धि को बढ़ावा देगा। सभी सदस्यों को चाहिए कि वे सभी मुद्दों को उचित ध्यान और संवेदनशीलता से समझें और समझौते के रास्ते को चुनें ताक

मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा के बाद हंगामा: संसद के दूसरे दिन विपक्ष के दावे और पीएम मोदी की अपील

सत्र में हंगामा

संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन विपक्षी दलों के दावों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के साथ हंगामा के रूप में गुजरा। प्रधानमंत्री ने संसद के सदस्यों से कई विधेयकों पर विस्तारित चर्चा के लिए ध्यान देने की अपील की।

कल के दिन विपक्ष ने मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी, भारत-चीन सीमा स्थिति और अन्य कई मुद्दों पर हंगामा किया था, जिससे संसद के दोनों सदनों को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसके पश्चात विपक्ष का आग्रह था कि प्रधानमंत्री मोदी संसद में मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर चर्चा करें। प्रधानमंत्री ने भी संसद में विधेयकों पर चर्चा का पूरा उपयोग करने की अपील की, जिससे विभिन्न मुद्दों पर समझदार निर्णय लिए जा सकें।

संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद के चेयरपर्सन जगदीप धनखड़ से अपनी मांग रखी थी कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर हिंसा पर चर्चा करें। इससे पहले पीएम मोदी ने सांसदों से कई विधेयकों पर व्यापक चर्चा के लिए उन्हें ध्यान देने की अपील की, जिससे संसद के मानसून सत्र में बहुत सारे मुद्दे चर्चा के लिए उपलब्ध हो सकें।

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विपक्ष के दावे के बीच पीएम मोदी ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के माध्यम से संसद के मानसून सत्र में विधेयकों के व्यापक चर्चा के लिए सदस्यों को ध्यान देने की अपील की, ताकि देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण विधेयकों पर विचार किया जा सकें।

संसद के मानसून सत्र में चर्चा के मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच संवाद का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है जो की देश के विकास और समृद्धि को बढ़ावा देगा। सभी सदस्यों को चाहिए कि वे सभी मुद्दों को उचित ध्यान और संवेदनशीलता से समझें और समझौते के रास्ते को चुनें ताकि देश के विकास और समृद्धि के लिए

पीएम मोदी ने विपक्ष सदस्यों को ध्यान देने की अपील: मानसून सत्र में विधेयकों पर विस्तारित चर्चा का आग्रह |मानसून सत्र में हंगामा

सत्र में हंगामा 2

पीएम मोदी ने विपक्ष सदस्यों को ध्यान देने की अपील किया है और मानसून सत्र में विधेयकों पर विस्तारित चर्चा का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के माध्यम से सभी सदस्यों से विधेयकों पर व्यापक चर्चा के लिए ध्यान देने की अपील की। उन्होंने इसे देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना है।

मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी, भारत-चीन सीमा स्थिति और अन्य मुद्दों पर हंगामा किया था, जिससे संसद के कार्यकाल को स्थगित कर दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के दावों का समाधान करने के लिए विधेयकों पर विस्तारित चर्चा के लिए सदस्यों से सहयोग करने का आग्रह किया है।

मानसून सत्र में विधेयकों पर विस्तारित चर्चा का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है, जिससे सभी दलें एकजुट होकर देश के विकास और समृद्धि के लिए सही निर्णय लेने में सक्रिय भूमिका निभा सकें। प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों से चाहा है कि वे सभी मुद्दों को उचित ध्यान और संवेदनशीलता से समझें और विधेयकों की चर्चा के लिए अपने विचारों को साझा करें।

संसद के मानसून सत्र में हंगामा के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष सदस्यों से यह भी अपील की है कि वे सदस्यों के रूप में अपने दायित्वों को समझें और संसद के संविधानिक मंदिर में विश्वास रखें। उन्होंने चर्चा की गरिमा और महत्व को बढ़ावा देने के लिए सदस्यों के सहयोग की भी अपील की है।

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इस प्रकार, मानसून सत्र में विधेयकों पर विस्तारित चर्चा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सदस्यों से सहयोग और उनके समर्थन की अपील की है, जिससे देश के सर्वांगीण विकास के लिए सही निर्णय लिए जा सकें।

मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे पर पीएम मोदी की अपील: सभी सदस्यों से सहयोग और विधेयकों पर विस्तारित चर्चा का आग्रह

संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के हंगामे को लेकर सभी सदस्यों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने सभी सदस्यों से विधेयकों पर विस्तारित चर्चा के लिए ध्यान देने का आग्रह किया है जो की देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं।

प्रधानमंत्री ने विपक्ष के हंगामे के बीच एक निर्धारित मार्ग चुनने की अपील की है ताकि विश्वास का दूसरा मौका दिया जा सके। उन्होंने सभी सदस्यों से सहयोग की भी अपील की है जिससे संसद के कार्यकाल में समृद्धि और सम्मान के वातावरण का सुनिश्चय किया जा सके।

पीएम मोदी ने विपक्ष सदस्यों से विधेयकों पर विस्तारित चर्चा के लिए अपने विचार और दृष्टिकोन को साझा करने की भी अपील की है। उन्होंने सदस्यों से चाहा है कि वे सभी मुद्दों को उचित ध्यान और संवेदनशीलता से समझें और देश के हित में सही निर्णय लेने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।

मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष सदस्यों से यह भी अपील की है कि वे संसद के संविधानिक मंदिर में विश्वास रखें और चर्चा की गरिमा और महत्व को बढ़ावा देने के लिए सदस्यों के सहयोग का भी आग्रह किया है।

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प्रधानमंत्री की इस अपील के द्वारा, मानसून सत्र में हंगामे के दौरान विपक्ष और सरकार दोनों के बीच सहयोगपूर्ण वातावरण को बढ़ावा दिया जा सकता है जो की देश के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है।

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