Connect with us

खबर

दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के नए कदम से भड़ककर तानाशाही दिखाई, नॉर्थ कोरिया द्वारा दाग दी दो बैलिस्टिक मिसाइलें | Today Latest news 2023

Published

on

कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव फिर से बढ़ गया है, जब अमेरिका ने 40 सालों में पहली बार न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल दागने वाली पनडुब्बी को साउथ कोरिया भेजी थी। नॉर्थ कोरिया ने इस खबर के साथ दो शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च किया, जिससे वह साउथ कोरिया और अमेरिका के साथ तनाव को बढ़ा दिया है।

नॉर्थ कोरिया ने प्योंगयांग के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास दो शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं, जिनमें से एक करीब 550 किलोमीटर तक उड़ान भरी। इस घटना के पश्चात कोरियाई प्रायद्वीप में टेंशन फिर से बढ़ गया है और साउथ कोरिया ने नॉर्थ कोरिया के इस कदम की कड़ी निंदा की है।

साउथ कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने इस हरकत पर कहा है कि नॉर्थ कोरियाई मिसाइल जापान के आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरी हैं। धनुर्विद्या से संबंधित इस घटना से जापान में कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह मामूली घटना तनाव और व्यापारिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।

इस विसंगति के बीच, यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने कहा है कि वे नॉर्थ कोरिया के इस मिसाइल लॉन्च की जानकारी सहयोगियों और साझेदारों से बातचीत कर रहे हैं। यह उन्हें निश्चित करने के लिए जरूरी है कि इस मिसाइल लॉन्च का एक्शन अमेरिकी कर्मियों, क्षेत्र और उनके सहयोगियों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता।

कोरियाई प्रायद्वीप के तनावपूर्ण संबंधों को ध्यान में रखते हुए, साउथ कोरिया ने इस मामले को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल रिज्यूलेशन का सीधा उल्लंघन बताया है। इससे स्पष्ट होता है कि साउथ कोरिया और उसके साथवासी देश नॉर्थ कोरिया के व्यवहार से चिंतित हैं और उन्हें इसके विरोध में कड़ी कदम उठाने की जरूरत है।

Advertisement

अमेरिका के कदम से भड़का तानाशाही, दाग दी दो बैलिस्टिक मिसाइल: दक्षिण कोरिया में तनाव का गहरा संकट

कोरिया

दक्षिण कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में तनाव बढ़ा हुआ है, जब अमेरिका ने न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल दागने वाली पनडुब्बी को साउथ कोरिया भेजी और इसके कुछ घंटे बाद ही नॉर्थ कोरिया ने दो शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च कर दिए। इस घटना से कोरियाई प्रायद्वीप में तनावपूर्ण संकट का सामना करना पड़ रहा है।

नॉर्थ कोरिया ने बुधवार को प्योंगयांग के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास लगभग 3:30 बजे और 3:46 बजे दो शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों को दाग दिया, जिनमें से एक ने करीब 550 किलोमीटर की उड़ान भरी। इस मिसाइल लॉन्च के बाद तनाव की तीव्रता बढ़ गई है और साउथ कोरिया ने इसे नॉर्थ कोरिया के व्यवहार का सख्त खिलाफ किया है।

साउथ कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया है कि नॉर्थ कोरिया की मिसाइलें जापान के आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरीं हैं, लेकिन इसके बावजूद जापान में कोई नुकसान नहीं हुआ है। यह मामूली घटना व्यापारिक स्थिरता और तनाव को प्रभावित कर सकती है और साउथ कोरिया ने नॉर्थ कोरिया के इस कदम को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल रिज्यूलेशन का सीधा उल्लंघन बताया है।

अमेरिकी नौसेना के एक्सपर्ट्स का कहना है कि वे नॉर्थ कोरिया के इस मिसाइल लॉन्च की जानकारी सहयोगियों और साझेदारों से बातचीत कर रहे हैं। यह विसंगति धनुर्विद्या से संबंधित अवैध हथियार कार्यक्रम के अस्थिर प्रभाव को उजागर कर सकती है।

कोरियाई प्रायद्वीप के संकटमय वातावरण में, साउथ कोरिया और उसके साथवासी देशों को मिलकर इस तनाव का सामना करना होगा और सुरक्षा के मामलों में एक दूसरे के साथ सहयोग करना होगा।

दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच कैसे खुलेगा रास्ता?

कोरिया 2

दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच खुलने का रास्ता दोनों देशों के सहयोग, सभ्यता और संवेदनशीलता के माध्यम से संभव है। तनाव भरे संकट को समाधान करने के लिए एक-दूसरे के साथ खुलकर संवाद करना आवश्यक है और संभवतः इसमें नीति, विदेश और आर्थिक मामलों पर बातचीत करना शामिल हो सकता है।

साथ ही, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से भी तनावपूर्ण संबंधों के मुद्दे का हल ढूंढने की कोशिश की जा सकती है। इस तरह के संगठनों के जरिए तनावपूर्ण परिस्थितियों पर विचार किया जा सकता है और दोनों देशों के बीच समझौता और समर्थन की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

Advertisement

साथ ही, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के नेताओं को एक-दूसरे के साथ बेहतर संबंधों के लिए उत्साहित करने की भी आवश्यकता है। बेहतर व्यापार, साझा संस्थानों के माध्यम से और एक-दूसरे के साथ विज्ञान, तकनीक और विकास के क्षेत्र में सहयोग करके, तनाव को कम किया जा सकता है और दोनों देशों के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य राष्ट्रों के साथ भी अधिक संबंध विकसित किए जा सकते हैं।

इस तरह से, सहयोग, सभ्यता, संवेदनशीलता और विश्वसनीयता के माध्यम से दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों के खुलने का रास्ता मिल सकता है। यह संबंध स्थायी शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है और एक सफल समझौते के माध्यम से दोनों देशों को साझा लाभ मिलेगा।

विश्वव्यापी समरसता के लिए भारतीय उपमहाद्वीप के साथ अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संबंधों का महत्व

भारतीय उपमहाद्वीप के साथ अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संबंधों का महत्व विश्वव्यापी समरसता और ग्लोबल सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह संबंध न केवल दोनों देशों के बीच बेहतर व्यापार, आर्थिक सहयोग, विज्ञान और तकनीकी उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके माध्यम से दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव और संशोधन का मार्ग भी खुल सकता है।

  1. साझा रक्षा और सुरक्षा: भारतीय उपमहाद्वीप के साथ अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संबंध विश्वव्यापी सुरक्षा और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन त्रिभुजीय संबंधों के माध्यम से दोनों देश साथ मिलकर आतंकवाद और विलयंत्रण के खिलाफ लड़ने में सक्षम होंगे। साथ ही, नाभिकीय रक्षा और उपग्रह उपयोग के क्षेत्र में सहयोग करके विश्वव्यापी सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं।
  2. आर्थिक सहयोग: इन संबंधों के माध्यम से भारतीय उपमहाद्वीप के व्यापार और अर्थतंत्र को बढ़ाने में अमेरिका और दक्षिण कोरिया अहम भूमिका निभा सकते हैं। व्यापार में संबंध बढ़ाने से दोनों देशों के अर्थव्यवस्था को उन्नति मिलेगी और लाभांश को संभव बनाने में मदद मिलेगी।
  3. विज्ञान और तकनीकी उन्नति: विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग करके भारतीय उपमहाद्वीप, अमेरिका और दक्षिण कोरिया एक-दूसरे के तकनीकी ज्ञान का लाभ उठा सकते हैं। इसके माध्यम से नई तकनीकों का विकास किया जा सकता है जो सुरक्षा, चिकित्सा, जलवायु परिवर्तन, और अन्य क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो सकते हैं।
  4. शांति और स्थिरता की रखरखाव: भारतीय उपमहाद्वीप के साथ अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संबंध शांति और स्थिरता की रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन संबंधों के माध्यम से समझौते, वार्तालाप, और अन्य डिप्लोमेटिक कदम उठाए जा सकते हैं
Continue Reading
Advertisement