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New Parliament Building: नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथो करने की मांग -जानिए

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नए संसद का मामला अब सप्रीम कोर्ट तक रणनीति वाले नेता पंहुचा दिया है। जिसके उद्घाटन को लेकर मांग की जारी रही है। हाई कोर्ट में एक याचिका जारी की गयी है जिसमे नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथो की जाने की मांग की गयी है। बताया गया है की नरेंद्र मोदी के द्वारा बनाये जा रहे नए संसद भवन का विरोधी दलों के द्वारा बहिष्कार करने की बात की जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर सुकिन ने दायर की है याचिका

New Parliament Building

प्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने यह जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।

दरअसल, 28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। इस बीच सूत्रों ने मंगलवार को कहा था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं।

ये दल रहेंगे मौजूद

याचिका में कहा गया है कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है।

सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका दायर की गई है। कहा गया है कि राष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह से बाहर करके, सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। इसमें मांग की गई है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए। 

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इसी को लेकर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। 28 मई को होने वाले समारोह का जहां कई राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया है। वहीं, कइयों ने शामिल होने की पुष्टि की है। समारोह में शामिल होने वाले राजनीतिक दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), शिरोमणि अकाली दल, बीजू जनता दल (बीजेडी) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) है। इन पार्टियों ने बुधवार को एलान किया था कि वह उद्घाटन के समय उपस्थित रहेंगे। 

इन राजनीतिक दलों ने किया बहिष्कार

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  • बुधवार सुबह ही राजद ने घोषणा की थी की वह समारोह का बहिष्कार करेगा। 
  • जदयू ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का एलान किया।
  • एनसीपी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी।
  • द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी।
  • एआईएमआईएम ने भी किया बहिष्कार का एलान, कहा- लोकसभा अध्यक्ष करें नए भवन का उद्घाटन।
  • तृणमूल कांग्रेस ने सबसे पहले समारोह में शामिल नहीं होने की बात कही थी। 
  • इसके बाद आम आदमी पार्टी ने भी समारोह में नहीं जाने का एलान किया।
  • भारतीय भाकपा ने मंगलवार को उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की जानकारी दी थी।
  • विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) भी 28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं होगी।
  • सपा ने बुधवार दोपहर घोषणा की वह 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी

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