Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का नया X अकाउंट, जो इब्रानी (हिब्रू) भाषा में संदेश पोस्ट कर रहा था, हाल ही में निलंबित कर दिया गया है। X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) ने सोमवार, 28 अक्टूबर 2024 को इस अकाउंट को सस्पेंड कर दिया। निलंबन के साथ, एक संक्षिप्त नोट में बताया गया कि “X उन अकाउंट्स को निलंबित करता है जो X के नियमों का उल्लंघन करते हैं।” यह निलंबन ऐसे समय पर हुआ है, जब इस्राइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है, और दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं।
Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : “ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का X अकाउंट सस्पेंड: सियासी तनाव का डिजिटल असर?”
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का नया X अकाउंट, जो इब्रानी (हिब्रू) भाषा में संदेश पोस्ट कर रहा था, हाल ही में निलंबित कर दिया गया है। X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) ने सोमवार, 28 अक्टूबर 2024 को इस अकाउंट को सस्पेंड कर दिया। निलंबन के साथ, एक संक्षिप्त नोट में बताया गया कि “X उन अकाउंट्स को निलंबित करता है जो X के नियमों का उल्लंघन करते हैं।” यह निलंबन ऐसे समय पर हुआ है, जब इस्राइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है, और दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं।
X अकाउंट निलंबन की वजह || Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस अकाउंट ने किन नियमों का उल्लंघन किया, लेकिन X की ओर से निलंबन की वजह के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। X के मालिक एलोन मस्क या उनकी टीम की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। माना जा रहा है कि यह निलंबन इस्राइल और ईरान के बीच मौजूदा विवाद के कारण हुआ है।
यह X अकाउंट रविवार, 27 अक्टूबर 2024 को खोला गया था और इसमें पहला संदेश हिब्रू में “खुदा के नाम पर, जो सबसे दयालु और कृपालु है” से शुरू हुआ था। इसके बाद खामेनेई के कार्यालय से जुड़े इस अकाउंट पर कुछ और संदेश पोस्ट किए गए थे, जिनमें से एक संदेश में खामेनेई ने इस्राइल के हमले का ज़िक्र किया और कहा, “ज़ायनियों ने ईरान के बारे में गलत आकलन किया है। वे ईरान की शक्ति, संकल्प, और ताकत को समझने में असफल रहे हैं।” यह संदेश इस्राइल के उस हमले के संदर्भ में था, जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में हुआ था।
Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : क्या X अकाउंट का निलंबन डिजिटल सेंसरशिप है?
इस मुद्दे ने डिजिटल सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है। X ने अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ नियम स्थापित किए हैं, जिनका उल्लंघन करने पर अकाउंट्स निलंबित किए जाते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर कई बार यह चर्चा होती रही है कि क्या इस तरह के निलंबन वास्तव में नियमों के पालन के लिए किए जा रहे हैं या फिर यह एक प्रकार की डिजिटल सेंसरशिप है।
खामेनेई के अकाउंट को निलंबित करने का यह पहला मामला नहीं है। फरवरी 2024 में, Meta (फेसबुक और इंस्टाग्राम का मूल संगठन) ने खामेनेई के अकाउंट्स को निलंबित कर दिया था। उस समय, कारण था खामेनेई का एक बयान जिसमें उन्होंने हमास के इस्राइल पर हमले का समर्थन किया था। यह विवाद अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था, जब हमास ने इस्राइल पर हमला किया था। इसके बाद Meta ने खामेनेई के अकाउंट्स को नियमों के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया था।
खामेनेई और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स || Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei
Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : 85 वर्षीय अयातुल्लाह अली खामेनेई के पास विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स हैं, जिनका संचालन उनके कार्यालय द्वारा किया जाता है। X पर खामेनेई के अकाउंट्स कई भाषाओं में मौजूद हैं और ये अकाउंट्स समय-समय पर विभिन्न भाषाओं में संदेश पोस्ट करते हैं। इन संदेशों का उद्देश्य दुनिया भर में ईरान की राजनीतिक स्थिति और इस्लामिक क्रांति की विचारधारा को बढ़ावा देना है।
खामेनेई के कार्यालय द्वारा प्रबंधित इन अकाउंट्स पर न केवल फारसी बल्कि अंग्रेजी, अरबी और हिब्रू में भी संदेश पोस्ट किए जाते रहे हैं। यह नया हिब्रू अकाउंट, जो रविवार को शुरू हुआ था, उस समय चर्चा का विषय बन गया जब उसने इस्राइल के हमले पर प्रतिक्रिया में कुछ विवादास्पद संदेश पोस्ट किए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ईरान के लिए चुनौतियाँ || Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei
Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : ईरान में सोशल मीडिया की स्थिति बहुत जटिल है। X, फेसबुक, और अन्य कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ईरान में कई वर्षों से प्रतिबंधित हैं। ईरान के लोग इन प्लेटफॉर्म्स तक पहुँचने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का सहारा लेते हैं। यह स्थिति वहां के लोगों को सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने में अड़चन पैदा करती है।
हालांकि, खामेनेई के जैसे प्रमुख नेता के लिए सोशल मीडिया एक प्रभावशाली माध्यम है, जिसके जरिए वे अपनी बात वैश्विक स्तर पर रखते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से वे पश्चिमी देशों की नीतियों की आलोचना करते हैं और अपनी विचारधारा को प्रस्तुत करते हैं।
इस्राइल-ईरान के बीच तनाव और X अकाउंट निलंबन का संबंध || Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei
Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : खामेनेई के अकाउंट को निलंबित करने का यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है, जब इस्राइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में इस्राइल ने ईरान पर हमला किया, और इसे ईरान द्वारा हाल ही में किए गए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। इस हमले को लेकर खामेनेई ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने इस्राइल की कार्रवाई को न तो बढ़ा-चढ़ा कर देखने और न ही कमतर आंकने की सलाह दी थी।
उनका कहना था कि इस तरह की कार्रवाई से इस्राइल की “गलतफहमी” को साफ करने में मदद मिलेगी, क्योंकि वे ईरान की ताकत और साहस को समझने में असफल रहे हैं। इस बयान के तुरंत बाद उनके X अकाउंट को निलंबित कर दिया गया, जिससे सियासी हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या यह फैसला इस्राइल के समर्थन में लिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और सोशल मीडिया की भूमिका || Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei
खामेनेई का अकाउंट निलंबित होने के बाद से ही विभिन्न देशों के राजनैतिक विशेषज्ञ और सोशल मीडिया पर एक्टिव लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनैतिक व्यक्तियों के अकाउंट्स को निलंबित करना उचित नहीं है, क्योंकि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर पड़ता है। वहीं, कुछ लोग यह मानते हैं कि ऐसे अकाउंट्स से हिंसा या असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने का खतरा रहता है।
सोशल मीडिया सेंसरशिप का प्रभाव और भविष्य || Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei
Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei : इस घटना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सेंसरशिप के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उद्देश्य स्वतंत्रता के साथ संवाद करना है, लेकिन इन पर भी एक प्रकार की नियमावली लागू होती है। किसी अकाउंट के नियमों का उल्लंघन करने पर उसे निलंबित करना या हटाना प्लेटफॉर्म की नीति में आता है।
हालांकि, जिस तरह से विभिन्न राजनैतिक नेताओं के अकाउंट्स को समय-समय पर निलंबित किया जाता है, उससे यह प्रश्न उठता है कि क्या यह एक प्रकार की सेंसरशिप है। कुछ लोग इसे डिजिटल सेंसरशिप मानते हैं, तो वहीं कुछ इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सुरक्षा के रूप में देखते हैं।
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