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फर्जी मेडिकल संस्थान बरेली मामले में भोजपुरी फिल्म गुंडा फेम अभिनेता विनोद यादव गिरफ्तार

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बरेली में पीलीभीत बाईपास पर इंडियन पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट नाम से फर्जी कॉलेज का संचालन हो रहा था। पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने गुरुवार को कॉलेज में छापा मारा। जांच में फर्जी संचालन की पुष्टि के बाद कॉलेज को बंद करा दिया गया।

बरेली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फर्जी मेडिकल इंस्टीट्यूट का खुलासा किया है। मामले में SSP प्रभाकर चौधरी ने गोपनीय जांच कराई, जांच में पूरा मामला पकड़ में आया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी।

दूसरी तरफ SSP ने पुलिस की सीओ के नेतृत्व में अलग- अलग दो टीम गठित कीं। इनमें कथित प्राचार्य भी शामिल है। पूछताछ में पता चला है यह गिरोह 500 से ज्यादा छात्रों के DMLT, D Pharma, ANM, GNM में एडमिशन कर चुका है। पुलिस ने मामले में संस्थान के ऑनर विनोद यादव और प्रिंसिपल जगदीश चंद्रा को अरेस्ट कर लिया।

दोनों के खिलाफ दर्ज की गई FIR

सीओ 3 आशीष प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस ने विनोद यादव निवासी मकान नंबर -203 मेगा सिटी कॉलोनी संजयनगर थाना बारादरी जनपद बरेली और .जगदीश चन्द्रा पुत्र आनन्द प्रसाद निवासी आदर्श कॉलोनी रूद्रपुर उधम सिंह नगर, उत्तराखंड हाल निवासी ब्लॉक सी राजेन्द्रनगर थाना प्रेमनगर जनपद बरेली को गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से संस्था से जुड़े फर्जी कागजात बरामद हुए हैं। आरोपियों के खिलाफ चौकी इंचार्ज बृजपाल सिंह की तहरीर पर इज्जतनगर थाने में FIR दर्ज की गई है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम भी रही

पकड़े गए आरोपी विनोद यादव और जगदीश चन्द्रा द्वारा स्टेट पैरामेडिकल फैकल्टी लखनऊ का फर्जी Affiliation certificate तैयार करके पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के नाम से एक फर्जी इंस्टीट्यूट खोला गया। जिसके बाद विभिन्न पैरामेडिकल कोर्स DMLT, B Pharma, D Pharma, ANM, GNM, OT, DPT, X-RAY, CMS, B.SC nursing course इत्यादि कोर्स कराने के नाम पर विभिन्न समाचार पत्रों के विज्ञापन देकर छात्रों के फर्जी एडमिशन किए गए। उन्हें एडमिट कार्ड जारी किए गये। इस टीएम में एसीएमओ डॉ भानू प्रताप सिंह, एसीएमओ डॉ हरपाल सिंह और सीओ भी मौजूद रहे।

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विनोद यादव इंस्टीट्यूट का मालिक

आरोपी विनोद यादव इस संस्था के मालिक है तथा जगदीश चन्द्रा द्वारा संस्था में कथित रूप से प्रधानाचार्य का कार्य किया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि अभी तक पता चला है कि इनके द्वारा इस संस्था में 500 से अधिक छात्रों के एडमिशन किया जाना ज्ञात हुआ है। इस संस्था के बारे में अन्य जानकारी की जा रही है।

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि पुलिस की तरफ से FIR दर्ज की गई है। जांच में एक सीओ और दो अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी शामिल रहे। पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है।

बतौर कलाकार के रूप में यह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर

आपको बता दें कि विनोद यादव को हाल ही में वर्ल्डवाइड रिकार्ड्स से बतौर मुख्य अभिनेता एक फिल्म हासिल हुई है। इसके साथ ही इनकी दो फिल्में रिलीज पर हैं। जिनका निर्माण अन्नी फिल्म्स के बैनर तले किया गया है। इसमें एक फिल्म के निर्देशक आनंद डी गहतराज और दूसरी के इकबाल बक्श हैं। गहतराज के निर्देशन में बनी फिल्म का नाम बल और बलिदान है जो कि देशभक्ति से भरपुर फिल्म है, वही इकबाल बख़्श की कर्मपुत्र एक्शन और रोमांस के तगड़े डोज के साथ दर्शकों को देखने को मिलेगी। वही विनोद यादव ने सितंबर से पांच और भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग करने जा रहे हैं। इसके अलावा एक बॉलीवुड फिल्म और वेब सीरीज करने जा रहे हैं।

बरेली में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीलीभीत बाईपास पर संचालित पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट का भंडाफोड़ हुआ है। रिपोर्ट दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने इंस्टीट्यूट सील कर संचालक विनोद यादव और प्रिंसिपल जगदीश चंद्रा को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी कॉलेज के संचालन की जानकारी होने पर विद्यार्थियों ने हंगामा किया।

सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को बन्नूवाल कॉलोनी स्थित इंडियन पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट पर छापा मारा। पुलिस ने मौके से फर्जी संबद्धता प्रमाणपत्र, 12 एडमिट कार्ड, एक लैपटॉप, तीन मोबाइल कब्जे में ले लिए।

देर शाम बैरियर दो चौकी के प्रभारी उपनिरीक्षक ब्रजपाल सिंह की तहरीर पर थाना इज्जतनगर में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने व अन्य संंबंधित धाराओं समेत 15 इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ है। संचालक मेगा सिटी निवासी विनोद यादव, मूलरूप से उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर आदर्श कॉलाेनी निवासी प्रिंसिपल जगदीश चंद्रा (हाल मुकाम प्रेमनगर) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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दलाल और विज्ञापनों के जरिये लिए प्रवेश

पुलिस के मुताबिक विनोद और जगदीश ने लखनऊ के स्टेट पैरामेडिकल फैकल्टी का फर्जी संबद्धता प्रमाणपत्र तैयार कर इंस्टीटयूट खोला था। डीएमएलटी, बी फार्मा, डी फार्मा, एएनएम, जीएनएम, ओटी, डीपीटी, एक्सरे, सीएमएस, बीएससी नर्सिंग समेत अन्य कोर्स संचालन का विज्ञापन, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स, वेबसाइट, सोशल मीडिया आदि के जरिये प्रचार-प्रसार देखकर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए। इसमें दलालों का भी सहारा लिया गया। एडमिट कार्ड जारी किए। करीब छह सौ विद्यार्थियों के प्रवेश का अनुमान है।

80 हजार से दो लाख रुपये तक वसूल रहे थे फीस

गुरुवार दोपहर कॉलेज पहुंची टीम ने विद्यार्थियों को बाहर निकालकर दस्तावेज खंगाले। दो घंटे तक चली जांच के बाद आराेपियों को हिरासत में लेकर अफसर इंस्टीट्यूट में ताला लगाकर रवाना हो गए। विद्यार्थियों को इंस्टीट्यूट के फर्जीवाड़े का पता चला तो वे आक्रोशित हो गए। उन्होंने संचालक के खिलाफ नारेबाजी की। अब तक जमा की गई फीस वापस कराने की मांग की है। विद्यार्थी फारुख खान, अजीम, प्रीति, प्रिंयका, अमान खान, तपेंद्र आदि का कहना था कि कोर्स के अनुसार 80 हजार से दो लाख रुपये तक फीस वसूली गई है।

नाम में लगाया था डॉक्टर तो झांसे में आ गए छात्र

पुलिस के मुताबिक आरोपी विनोद यादव और जगदीश चंद्रा ने अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा रखा था। लिहाजा, जो विद्यार्थी प्रवेश के लिए संपर्क करते, झांसे में आ जाते। विद्यार्थियों के मुताबिक सोशल मीडिया पर विनोद ने फर्जी अकाउंट बना लिए हैं। 

पेड प्रमोशन के जरिये फॉलोवर्स जोड़ रखे हैं। कॉलेज की वेबसाइट भी फर्जी है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा कार्यक्रम जारी होने के बाद विद्यार्थियों ने पूछताछ शुरू की तो किसी दलाल को कॉल कर एडमिट कार्ड आदि जारी कराने की बात करता था। दो दिन पहले कॉलेज में प्रदर्शन भी हुआ था।

 

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