खबर
यूपी में किसानों के लिए फायदेमंद प्रोक्योरमेंट योजना: योगी सरकार की खुशखबरी
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी घोषित की है। सरकार ने निर्धारित मार्केटिंग समर्थन मूल्य (MSP) के तहत धान की खरीद शुरू करने की योजना बनाई है, जो 1 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होगी। इसके साथ ही सरकार ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। अब किसानों को अपनी उपज को सरकार को बेचने के लिए 31 अगस्त तक खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक होगा। धान की खरीद केवल रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों से ही की जाएगी।
यूपी सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया है, जिसका उपयोग पंजीकृत किसानों की समस्याओं के समाधान और उनकी उपज की परेशानी मुक्त बिक्री के लिए किया जा सकता है। किसान मदद के लिए, वे अपने शहर के जिलाखाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसानों को न्यायपूर्ण मूल्य पर उनकी उपज को खरीदा जाएगा, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2023-24 के लिए धान का समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। सामान्य धान के लिए प्रति क्विंटल 2,183 रुपये और ग्रेड ए धान के लिए 2,203 रुपये रखे गए हैं।
धान की खरीद के लिए निर्धारित तारीखें भी घोषित की गई हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में धान की खरीद 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2024 तक होगी। इसमें लखनऊ मंडल (हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर) के साथ बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ भी शामिल हैं। पूर्वी यूपी के किसानों से 1 नवंबर से 29 फरवरी 2024 तक धान की खरीद की जाएगी। इसमें लखनऊ मंडल (लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव) और चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती
यूपी में धान खरीद पर योगी सरकार की नई योजना: किसानों के लिए बढ़ी उम्मीदें
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना घोषित की है, जिससे किसानों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इस योजना के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होकर 31 जनवरी 2024 तक यूपी में धान की खरीद की जाएगी। इससे किसानों को न्यायपूर्ण मूल्य पर उनकी उपज को बेचने का अवसर मिलेगा।
योगी सरकार ने इस योजना के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए 31 अगस्त तक खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। इससे सुनिश्चित होगा कि केवल रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को ही धान की खरीद होगी।
यूपी सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए एक टोल-फ्री नंबर भी जारी किया है, जिसका उपयोग पंजीकृत किसानों की समस्याओं के समाधान और उनकी उपज की परेशानी मुक्त बिक्री के लिए किया जा सकेगा। किसान मदद के लिए, उन्हें अपने शहर के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
धान के लिए निर्धारित मार्केटिंग समर्थन मूल्य (MSP) भी तय किए गए हैं। सामान्य धान के लिए प्रति क्विंटल 2,183 रुपये और ग्रेड ए धान के लिए 2,203 रुपये रखे गए हैं। इससे किसानों को उनकी उपज के न्यायपूर्ण मूल्य का भुगतान मिलेगा।
यह योजना उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में धान की खरीद को संबंधित तारीखों तक सीमित करेगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड में धान की खरीद 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2024 तक होगी। इसमें लखनऊ मंडल (हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर) के साथ बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ भी शामिल हैं। पूर्वी यूपी के किसानों से 1 नवंबर से 29 फरवरी 2024 तक धान की खरीद की जाएगी।
धान खरीद के लिए बढ़ाई गई क्रय केंद्रों की संख्या और भुगतान की सुविधा
इस बार योगी सरकार ने धान क्रय केंद्रों की संख्या को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस साल खाद्य विभाग और अन्य क्रय एजेंसियों के करीब 4,000 क्रय केंद्र संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। इससे किसानों को धान की खरीद के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे और उनकी उपज को न्यायपूर्ण मूल्य पर बेचने में आसानी होगी।
इसके साथ ही, सरकार ने धान के भुगतान की सुविधा को भी सुधारा है। किसानों से खरीदे गए धान की कीमत का भुगतान अब सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में किया जाएगा। इसके लिए यह आवश्यक है कि किसानों के बैंक खाते आधार से जुड़े हों और बैंक की तरफ से एनपीसीआई पोर्टल पर मैप के साथ सक्रिय किए गए हों। इस प्रक्रिया से किसानों को भुगतान में सुविधा और तत्परता मिलेगी, और इससे भुगतान की प्रक्रिया भी तेज़ होगी।
योगी सरकार की यह नई योजजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो धान उत्पादकों को सुरक्षित और न्यायपूर्ण मार्केटिंग समर्थन मूल्य के माध्यम से लाभ प्रदान करेगा। इस योजना के लिए सरकारी प्रवक्ता द्वारा जारी दिशा-निर्देश और टोल-फ्री नंबर की उपलब्धता, संगठित तरीके से धान की खरीद को सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही, विभिन्न क्षेत्रों में क्रय केंद्रों की वृद्धि और भुगतान प्रक्रिया में सुधार से किसानों को अधिक सुविधाएं प्राप्त होंगी।
योगी सरकार की यह नई योजना यूपी के किसानों के लिए बड़ी उम्मीदें लेकर आई है। धान उत्पादकों को उचित मूल्य मिलेगा और उन्हें खरीद करने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें खेती के क्षेत्र में और उन्नति की दिशा में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।
किसान मदद के लिए जरूरी संपर्क जानकारी और प्रमुख तारीखें
योगी सरकार द्वारा धान खरीद योजना के तहत किसानों को मदद प्रदान करने के लिए निम्नलिखित संपर्क जानकारी दी गई है:
- टोल-फ्री नंबर: किसानों को समस्याओं के समाधान और खरीद से संबंधित सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। इसका उपयोग करने के लिए, उन्हें योगी सरकार द्वारा जारी किए गए टोल-फ्री नंबर पर फोन करना होगा।
- जिला खाद्य विपणन अधिकारी: किसानों को अपने शहर के जिला खाद्य विपणन अधिकारी से संपर्क करना चाहिए। वे इन संपर्क विवरणों का उपयोग करके अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी: किसानों को अपने तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी से संपर्क करने की सलाह दी गई है। इन अधिकारियों को समस्याओं के लिए संपर्क किया जा सकता है और धान की खरीद से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
धान खरीद योजना की प्रमुख तारीखें भी घोषित की गई हैं:
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्र:
- धान खरीद की अवधि: 1 अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक
- संबंधित जिले: लखनऊ मंडल (हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर), बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़
- पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र:
- धान खरीद की अवधि: 1 नवंबर 2023 से 29 फरवरी 2024 तक
- संबंधित जिले: लखनऊ मंडल (लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव), चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़
किसानों को यह योजना उनकी उपज को सुरक्षित ढंग से खरीदने और उन्हें न्यायपूर्ण मूल्य प्रदान करने का एक अवसर प्रदान करेगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।