NEET UG Paper Leak: नीट परीक्षा के आवेदन के संबंध में एक और महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है: एनटीए ने आखिरकार 25 दिनों बाद आवेदन विंडो को फिर से क्यों खोला?
NEET UG Paper Leak: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा नीट परीक्षा के बाद रिजल्ट आने के बाद एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है: नीट परीक्षा के आवेदकों के संदर्भ में, एनटीए ने 25 दिनों बाद दोबारा आवेदन विंडो क्यों खोली? इसका इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है।
NEET UG Paper Leak
पहले, आवेदकों के अनुरोध पर आवेदन की अंतिम तिथि एक-दो दिन के लिए बढ़ाई जाती थी, लेकिन नीट यूजी 2024 में एनटीए ने एक अनोखा कदम उठाया और आवेदन की अंतिम तिथि 16 मार्च को समाप्त कर दी थी। इसके बाद, उम्मीदवारों को 18 से 20 मार्च तक नीट 2024 के करेक्शन विंडो के माध्यम से अपने आवेदन में सुधार करने का मौका दिया गया था।
NEET UG Paper Leak: इस अनोखे कदम से एनटीए ने नीट यूजी 2024 के आवेदकों को अधिक समय देकर एक माध्यम प्रदान किया ताकि वे अपने आवेदन में यदि कोई सुधार करना चाहें, तो वे इस अवसर का फायदा उठा सकें।
NEET UG Paper Leak: करीब 25 दिनों के बाद, यानी 9 और 10 अप्रैल को आवेदन विंडो को किस परिस्थिति में खोला गया, इसके संदर्भ में उम्मीदवारों की मांग है। उन्हें इस बारे में जानना है कि अंतिम दो दिनों में जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, उनके परीक्षा केंद्र कहां था, उनके शहरों और परीक्षा केंद्रों का नाम क्यों सार्वजनिक नहीं किया गया। इसके अतिरिक्त, एनटीए ने कई बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, जिसकी वजह से रिजल्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
इस संदर्भ में, मेडिकल परीक्षा विशेषज्ञ और शिक्षाविदों का मानना है कि अभी तक की जांच में सामने आए मामलों में, पटना पुलिस ने पकड़े गए व्यक्तियों से पूछताछ करते हुए खुलासा किया है कि उन्हें एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र मिल गए थे। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी स्कूल में प्रश्न पत्र के उत्तर रटाने के लिए बोर्ड की तरफ से निर्देश दिया गया था।
इसके अलावा, प्रश्न पत्रों को रटवाने के बाद 5 मई को परीक्षा के दिन, उन्हें पकड़ा गया था। इस मामले की जांच यू प्रदेश द्वारा की जा रही है, लेकिन एनटीए द्वारा इसमें सहयोग क्यों नहीं किया जा रहा है, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच, ग्रेस मार्क को लेकर भी विवाद उठ रहा है। मेडिकल परीक्षा विशेषज्ञ और गोल के निदेशक विपिन सिंह ने इसके संदर्भ में कहा है कि नीट परीक्षा में इतने सारे अभ्यर्थीयों ने कैसे रैंक फर्स्ट प्राप्त किया।
इसके बाद, प्रश्न पत्रों को रटवाने के बाद 5 मई को परीक्षा के दिन, उन्हें पकड़ा गया। इस मामले की जांच यू प्रदेश द्वारा की जा रही है, लेकिन एनटीए द्वारा इसमें सहयोग क्यों नहीं किया जा रहा है, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच, ग्रेस मार्क को लेकर भी विवाद उठ रहा है। मेडिकल परीक्षा विशेषज्ञ और गोल के निदेशक विपिन सिंह ने इसके संदर्भ में कहा है कि नीट परीक्षा में इतने सारे अभ्यर्थीयों ने कैसे रैंक फर्स्ट प्राप्त किया। इस मुद्दे पर जारी विवाद ने परीक्षा प्रक्रिया को संदेहास्पद बना दिया है और शिक्षा समुदाय में गहरा विश्वासघात उत्पन्न किया है।
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वही, एनटीए की ओर से कुल अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क को लेकर विवाद है। इसके अलावा, जिन छात्रों को 718 और 719 अंक मिले हैं, उन्हें ग्रेस मार्क्स बाद इस तरह के आउट नंबर नहीं मिलनी चाहिए थी। नीट के प्रोस्पेक्टस में भी कहीं भी नॉर्मलाइजेशन का जिक्र नहीं है, जिसे जांचा जाना चाहिए।