Group-1 Mains Exam : सुप्रीम कोर्ट का फैसला: ग्रुप-1 मेंस परीक्षा को स्थगित करने की याचिका खारिज

Group-1 Mains Exam : मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से ग्रुप-1 परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने यह ध्यान में रखा कि छात्र पहले से ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: ग्रुप-1 परीक्षा में देरी नहीं || Group-1 Mains Exam

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से ग्रुप-1 परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने यह ध्यान में रखा कि छात्र पहले से ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके हैं।

पहली परीक्षा आज दोपहर 2 बजे शुरू हो चुकी है, और छात्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। न्यायालय का यह निर्णय छात्रों को परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है और उनके भविष्य को प्रभावित करने वाली इस परीक्षा की स्थिरता सुनिश्चित करता है।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: तेलंगाना ग्रुप-1 परीक्षा स्थगित नहीं होगी || Group-1 Mains Exam

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना ग्रुप-1 मेंस परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट किया कि परीक्षा में देरी नहीं होगी, क्योंकि छात्र पहले ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंच चुके हैं। पहली परीक्षा आज दोपहर 2 बजे शुरू होने वाली थी।

निजामाबाद से टीपीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय सराहनीय है, जिससे ग्रुप-1 परीक्षाएं समय पर आयोजित की जा सकेंगी।

Group-1 Mains Exam : महेश कुमार गौड़ ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के युवाओं को अच्छी और उच्च रैंकिंग वाली नौकरियां प्रदान करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन किया है। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि यह 13 वर्षों के बाद एक बड़ा अवसर है, और उन्हें इसका सही उपयोग करना चाहिए ताकि वे प्रतिष्ठित पद प्राप्त कर सकें।

अंत में, उन्होंने कहा कि शासनादेश 29 के अंतर्गत आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, और टीपीसीसी हमेशा ग्रुप-1 के छात्रों के साथ खड़ा रहेगा।

महेश गौड़ का छात्रों के नाम संदेश: आरक्षण का नुकसान नहीं होगा || Group-1 Mains Exam

Group-1 Mains Exam : टीपीसीसी अध्यक्ष महेश गौड़ ने बैकवर्ड समुदाय से संबंधित होने के नाते विद्यार्थियों को आश्वस्त किया है कि आरक्षण से कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा और बीआरएस जैसी राजनीतिक पार्टियों ने अपने लाभ के लिए ग्रुप-1 के छात्रों को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया है।

महेश गौड़ ने छात्रों से आग्रह किया कि वे शांतिपूर्वक और बिना किसी चिंता के अपनी परीक्षाएं दें। उन्होंने कहा, “आप अच्छे से लिखें और एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करें।”

इसके साथ ही, उन्होंने परीक्षा में शामिल होने वाले सभी छात्रों को शुभकामनाएं और बधाई भी दी। उनका यह संदेश छात्रों के मनोबल को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी परीक्षा में पूरी मेहनत करें।

तेलंगाना उच्च न्यायालय का निर्णय: ग्रुप-1 मुख्य परीक्षा स्थगित नहीं होगी || Group-1 Mains Exam

Group-1 Mains Exam : तेलंगाना लोक सेवा आयोग (टीजीएसपीएससी) के ग्रुप-1 मुख्य परीक्षा के लिए रास्ता साफ करते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। अदालत ने परीक्षा स्थगित करने से इनकार करते हुए एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर दिया।

एक खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर से शुरू होने वाली परीक्षा को स्थगित नहीं किया जाएगा। इस निर्णय से छात्रों में उत्साह बढ़ा है और वे अपनी तैयारी को लेकर अधिक आश्वस्त महसूस कर रहे हैं।

उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी अभ्यर्थियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी, जिससे परीक्षा प्रक्रिया को सुचारू और सुरक्षित बनाया जा सके।

इस प्रकार, तेलंगाना उच्च न्यायालय का यह निर्णय छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह परीक्षा के आयोजन को सुनिश्चित करता है और उनकी मेहनत के फलित होने का अवसर प्रदान करता है।

तेलंगाना ग्रुप-1 परीक्षा: उम्मीदवारों का विरोध और स्थिति || Group-1 Mains Exam

Group-1 Mains Exam : 15 अक्टूबर को, एकल न्यायाधीश की पीठ ने परीक्षा स्थगित करने की कुछ उम्मीदवारों की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इस निर्णय के बाद, अभ्यर्थियों के एक वर्ग ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा और सरकार से परीक्षा स्थगित करने की मांग की।

उम्मीदवारों ने तैयारी के लिए कम समय का हवाला देते हुए आरक्षण नीति में बदलाव करने वाले सरकारी आदेश में संशोधन की आवश्यकता पर जोर दिया। कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया, जिसमें तेलंगाना सरकार और टीजीएसपीएससी को परीक्षा स्थगित करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

Group-1 Mains Exam : उम्मीदवारों का तर्क है कि जीओ 29 प्रारंभिक सूची को प्रभावित कर सकता है। इसके खिलाफ लगभग 22 मामले उच्च न्यायालय में लंबित हैं। उनका कहना है कि जीओ ने आरक्षण नीति में बदलाव किया है, जिससे आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों के अवसर सीमित हो जाएंगे।

तेलंगाना ग्रुप-I मुख्य परीक्षा: 21 से 27 अक्टूबर तक होगी || Group-1 Mains Exam

Group-1 Mains Exam : तेलंगाना में विभिन्न विभागों में 563 पदों को भरने के लिए ग्रुप-I मुख्य परीक्षा का आयोजन 21 से 27 अक्टूबर तक किया जाएगा। परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव शांति कुमारी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।

यह परीक्षा हैदराबाद, रंगारेड्डी और मेडचल मलकाजगिरी जिलों के 46 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें कुल 31,383 उम्मीदवार शामिल होंगे।

जून में आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में लगभग 3.02 लाख उम्मीदवारों में से 100 उम्मीदवार ग्रुप-I मुख्य परीक्षा के लिए योग्य पाए गए। यह परीक्षा 2022 और 2023 में पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के कारण विवादों में रही है।

Group-1 Mains Exam : मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है ताकि किसी भी अनियमितता या अप्रिय घटना को रोका जा सके। टीजीएसपीएससी के अध्यक्ष महेंद्र रेड्डी ने कहा कि चूंकि ग्रुप-I मेन्स 2011 के बाद पहली बार आयोजित किया जा रहा है, इसलिए अधिकारियों को परीक्षा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

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Bijli Sakhi Yojana : हर महीने 50000 रुपये कमाने का तरीका: जानिए बिजली सखी योजना का गणित

Bijli Sakhi Yojana : हर महीने 50000 रुपये कमाने का तरीका: जानिए बिजली सखी योजना का गणित

Bijli Sakhi Yojana : बिजली सखी योजना का उद्देश्य गांव और देहात के लोगों को बिजली बिल जमा करने की लंबी कतारों से मुक्ति दिलाना है। इस योजना के तहत, जुड़ी महिलाएँ अपने घर की आय में हर महीने 50,000 रुपये तक जोड़ सकती हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

Bijli Sakhi Yojana : ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया रास्ता

बिजली सखी योजना का उद्देश्य गांव और देहात के लोगों को बिजली बिल जमा करने की लंबी कतारों से मुक्ति दिलाना है। इस योजना के तहत, जुड़ी महिलाएँ अपने घर की आय में हर महीने 50,000 रुपये तक जोड़ सकती हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

1. सुविधाजनक सेवाएँ

इस योजना के माध्यम से महिलाएं आसानी से बिजली के बिल जमा कर सकती हैं, जिससे समय की बचत होती है और उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।

2. आर्थिक सशक्तिकरण

बिजली सखी योजना से महिलाएँ न केवल अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बन रही हैं। यह योजना उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर देती है।

3. समुदाय में बदलाव

जब महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होती हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव उनके परिवार और समुदाय पर भी पड़ता है। इससे पूरे गांव की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

4. सरकारी सहायता

इस योजना के तहत सरकार भी महिलाओं को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।

Bijli Sakhi Yojana : राजश्री शुक्ला की सफलता की कहानी

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के छोटे से गांव सिलाऔता में रहने वाली राजश्री शुक्ला ने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है। पिछले कुछ वर्षों में, राजश्री ने बिजली सखी योजना का लाभ उठाकर आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अद्भुत उदाहरण पेश किया है।

1. आर्थिक सशक्तिकरण

राजश्री अब हर महीने 50,000 रुपये से ज्यादा की कमाई कर रही हैं। यह न केवल उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि पूरे परिवार को एक नई दिशा देता है।

2. अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा

राजश्री की सफलता ने गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है। अब वे भी उनके रास्ते पर चलकर अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही हैं।

3. बिजली सखी योजना का योगदान

यह योजना ग्रामीण महिलाओं को अपनी कमाई का एक साधन देती है। बिजली सखी बनने से न केवल उन्हें रोजगार मिलता है, बल्कि वे अपने समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

4. सामाजिक बदलाव

राजश्री और अन्य महिलाओं की सफलता से गांव में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ, समाज में महिलाओं की स्थिति में भी सुधार हो रहा है।

Bijli Sakhi Yojana बिजली सखी’ पहल: ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर

उत्तर प्रदेश सरकार ने मई 2020 में ‘बिजली सखी’ योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह पहल ‘बैंकिंग सखी’ योजना की सफलता से प्रेरित होकर विकसित की गई थी।

राजश्री शुक्ला, एक सफल बिजली सखी, बताती हैं कि उन्हें हाल ही में जुलाई 2024 में 81,900 रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ। यह उपलब्धि उन्हें प्रदेश की टॉप 10 ‘बिजली सखियों’ में शामिल होने का गौरव प्रदान करती है।

1. रोजगार के नए आयाम

बिजली सखी योजना ने महिलाओं को न केवल रोजगार प्रदान किया है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मदद की है। राजश्री जैसी महिलाएं अब अपनी मेहनत और समर्पण से परिवार की आय में योगदान कर रही हैं।

2. सफलता की प्रेरणा

राजश्री का अनुभव अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गया है। उनकी सफलता ने यह साबित किया है कि सही अवसर मिलने पर महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।

3. समुदाय का विकास

इस योजना के माध्यम से न केवल महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, बल्कि इसके चलते गांवों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव भी आ रहे हैं।

Bijli Sakhi Yojana : 30,000 से ज्यादा महिलाओं की सफलता की कहानी

‘बिजली सखी’ योजना ने उत्तर प्रदेश की 30,000 से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अद्भुत अवसर प्रदान किया है। राजश्री शुक्ला जैसी महिलाएँ अब गांव के हर घर जाकर बिजली का बिल लेती हैं और उसे समय पर पास के बिजली घर पर जमा कराती हैं।

1. लोगों के लिए सुविधा

इस योजना के तहत, लोगों को लंबी कतारों में लगने से छुटकारा मिलता है। अब वे अपने बिल जमा करने के लिए घर से बाहर नहीं निकलते, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है।

2. महिलाओं की आमदनी

राजश्री जैसे ‘बिजली सखियों’ को इस कार्य के माध्यम से अच्छी आमदनी होती है। यह न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाता है।

3. सशक्तिकरण का नया अध्याय

इस योजना ने महिलाओं को न केवल रोजगार के अवसर दिए हैं, बल्कि उन्हें समाज में एक नई पहचान और सम्मान भी प्रदान किया है। राजश्री जैसी महिलाएं अब अपने कार्यों के माध्यम से प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।

Bijli Sakhi Yojana : महिलाओं ने कमाए 14.6 करोड़ रुपये

उत्तर प्रदेश की ‘बिजली सखी’ योजना ने ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का एक नया अध्याय खोला है। पिछले चार वर्षों में, लगभग 10,500 ‘बिजली सखियों’ ने 1,120 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिजली बिल जमा किए और 14.6 करोड़ रुपये का कमीशन कमाया।

1. योजना की शुरुआत

इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार ने मई 2020 में कोविड महामारी की पहली लहर के बाद की थी। इसका मुख्य उद्देश्य पढ़ी-लिखी लेकिन घर पर रहने वाली ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना था।

2. महिलाओं का सशक्तिकरण

‘बिजली सखी’ योजना ने महिलाओं को न केवल आर्थिक स्वतंत्रता दिलाई है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और समाज में पहचान भी दी है। अब वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति में योगदान कर रही हैं।

3. समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव

इस योजना का सकारात्मक प्रभाव न केवल महिलाओं पर, बल्कि पूरे समुदाय पर भी पड़ रहा है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो इसका लाभ पूरे परिवार और गांव को होता है।

Bijli Sakhi Yojana : 75 जिलों के सभी ब्लॉक में सफलता की कहानी

‘बिजली सखी’ योजना ने उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण को अधिक प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पहल का एक बड़ा फायदा यह है कि लेट बिल जमा होने से बिजली वितरण कंपनियों को होने वाला नुकसान कम हुआ है।

1. पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

इस योजना की शुरुआत 1 फरवरी 2020 को आठ जिलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी। इसके सकारात्मक परिणामों को देखकर, सरकार ने इसे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के सभी 826 ब्लॉकों में लागू करने का निर्णय लिया।

2. समर्थन और सशक्तिकरण

इस पहल के माध्यम से, न केवल बिजली बिल जमा करने की प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि इससे गांव की महिलाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं।

3. सामाजिक और आर्थिक लाभ

इस योजना के परिणामस्वरूप, अब ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, जो कि पूरे समुदाय के विकास में योगदान कर रहा है।

‘बिजली सखी’ पहल ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई आशा की किरण दिखाई है, जिससे बिजली वितरण प्रक्रिया अधिक सुचारू और लाभकारी हो रही है।

‘Bijli Sakhi Yojana : राजश्री की यात्रा और कमाई का सफर

राजश्री शुक्ला ने 2020 में ‘राधा स्वयं सहायता समूह’ से जुड़कर ‘बिजली सखी’ योजना में काम करना शुरू किया। शुरुआत में, उन्हें बिजली बिल जमा करने का कार्य सौंपा गया, जिससे उनकी मासिक कमाई 30,000 रुपये हुई। धीरे-धीरे, राजश्री को अन्य महिलाओं के फोन आने लगे, जो बिजली बिल जमा करने में मदद चाहती थीं। इससे न केवल उनकी कमाई बढ़ी, बल्कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ।

1. कमीशन की संरचना

‘बिजली सखी’ योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं 2,000 रुपये तक के हर बिजली बिल के भुगतान पर 20 रुपये का कमीशन कमाती हैं। यदि बिल 2,000 रुपये से ज्यादा का हो, तो उन्हें 1% कमीशन मिलता है।

2. शहरी क्षेत्रों के लिए अलग नियम

शहरी इलाकों में ‘बिजली सखियों’ को 3,000 रुपये तक के प्रत्येक बिल के लिए 12 रुपये का कमीशन मिलता है। इसके अलावा, 3,000 रुपये से ज्यादा के बिल पर उन्हें 0.4% कमीशन प्राप्त होता है।

3. आर्थिक सुधार

इस योजना ने राजश्री जैसे हजारों महिलाओं को न केवल रोजगार प्रदान किया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका भी दिया है। उनकी मेहनत से परिवार की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आया है।

‘बिजली सखी’ योजना ने न केवल महिलाओं को सशक्त किया है, बल्कि ग्रामीण और शहरी समुदायों में बिजली बिल जमा करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है।

Bijli Sakhi Yojana : एक आसान मार्गदर्शिका

‘बिजली सखी’ योजना के अंतर्गत केवल महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं। यदि आप उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी हैं और इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं, तो यहाँ कुछ आवश्यक कदम दिए गए हैं:

1. आवेदन प्रक्रिया

बिजली सखी बनने के लिए आपको स्थानीय सरकारी कार्यालय या संबंधित वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें।

2. आवश्यक योग्यता

इस योजना के लिए कुछ नियम और शर्तें निर्धारित की गई हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप इन सभी मानदंडों को पूरा करती हैं।

3. सहायता और संसाधन

सरकारी एजेंसियां ‘बिजली सखियों’ को बिल जमा करने और रसीदें जारी करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करती हैं। इसके साथ ही, डिजिटल भुगतान विधियों का उपयोग करने के लिए भी आपको ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि आप अपनी कार्यक्षमता को बढ़ा सकें।

4. सामाजिक योगदान

‘बिजली सखी’ बनने से आप न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगी, बल्कि अपने समुदाय में भी सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करेंगी।

Bijli Sakhi Yojana : यदि आप इन सभी शर्तों को पूरा करती हैं, तो आप ‘बिजली सखी’ बनकर न केवल अपनी जीवनशैली में सुधार ला सकती हैं, बल्कि दूसरों की जिंदगी में भी बदलाव लाने में मदद कर सकती हैं।

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