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Navratri 2022 | नवरात्रा स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि,कलश स्थापना मुहूर्त | पूजा सामग्री

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Navratri 2022
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Navratri 2022

नवरात्रा स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि,कलश स्थापना मुहूर्त 26 सितंबर 2022

नवरात्रि/ Navratri 2022 हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ ( शैलपुत्री
ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा,कूष्माण्डा,स्कन्दमाता,कात्यायनी,कालरात्रि,महागौरी,सिद्धिदात्री)रूपों की पूजा की जाती है। दसवे दिन दशहरा मनाया जाता है

नवरात्रि भारत के विभिन्न भागों में अलग प्रकार से मनायी जाते है। गुजरात में इस त्योहार को बहुत बड़े पैमाने से मनाया जाता है। गुजरात में नवरात्रि समारोह डांडिया और गरबा के रूप में जाना जाता है यह पूरी रात भर चलता है। डांडिया का अनुभव बड़ा ही असाधारण है। देवी के सम्मान में भक्ति प्रदर्शन के रूप में गरबा, ‘आरती’ से पहले किया जाता है और डांडिया समारोह उसके बाद। पश्चिम बंगाल के राज्य में बंगालियों के मुख्य त्यौहारो में दुर्गा पूजा बंगाली कैलेंडर में, सबसे अलंकृत रूप में उभरा है। Navratri 2022

पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

लाल चुनरी,लाल वस्त्र,मौली,श्रृंगार का सामान,दीपक,घी,धूप बत्ती, नारियल, चावल,कुमकुम(रोल्ली ),फूल और फूलो की माला,देवी की प्रतिमा या फोटो, पान-सुपारी,लौंग,इलायची,कपूर,फल-मिठाई

नवरात्रा स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि, कलश स्थापना मुहूर्त 26 सितंबर 2022

इस साल कलश स्थापना शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 42 मिनट के बीच घट स्थापित कर सकते हैं हस्त नक्षत्र ब्रह्म योग में कलश स्थापन कर सकते हैं। नवरात्रि पर कलश स्थापित करने के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त 11 बजकर 48 से 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से कोई भी मुहू्र्त कलश स्थापना के लिए चुन सकते हैं।

नवरात्रो का महत्व

वसंत की शुरुआत और शरद ऋतु की शुरुआत, जलवायु और सूरज के प्रभावों का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है। इन दो समय मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र अवसर माने जाते है। त्योहार की तिथियाँ चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती हैं। नवरात्रि पर्व, माँ-दुर्गा की अवधारणा भक्ति और शक्ति (उदात्त, परम, परम रचनात्मक ऊर्जा) की पूजा का सबसे शुभ और अनोखा अवधि माना जाता है। यह पूजा वैदिक युग से पहले से चली आ रहा है। Navratri 2022

नवरात्रि में देवी के शक्तिपीठ और माता के मंदिरो में भारी मेले लगते है माता के सभी शक्तिपीठों का महत्व अलग-अलग हैं। लेकिन माता का स्वरूप एक ही है। लोक मान्यताओ के अनुसार लोगो मानना है कि नवरात्री के दिन व्रत करने से माता प्रसन्न होती है Navratri 2022

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